लगातार कई दिनों से उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा पर गंगा नदी में लाशें दिखाई दे रही हैं। यह शव कहां से आ रहे हैं इसका पता तो अभी तक प्रशासन को नहीं चला है। लेकिन इनका डर अब स्थानीय लोगों के मन में भर गया है। स्थानीय लोग सोच रहे हैं कि अब नदी में स्नान कर सकते हैं या नहीं इस नदी के पानी को पी सकते हैं या नहीं। इसी मामले पर चिकित्सकों ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि पानी में नहाने में बहुत पानी को पीने से कोरोनावायरस के फ़ैलने का खतरा नहीं है। पानी के प्रयोग से कोरोनावायरस शरीर में नहीं फैलता है।
विशेषज्ञों ने कहा कि इस वायरस की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले का शव पानी में है तो उसके जरिये दूसरे लोगों तक वायरस पहुंचने का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। इसलिए नदी में नहाने व पानी पीने से कोरोना संक्रमण होने की संभावना नहीं है। इतना जरूर है कि यदि संबंधित पानी प्रदूषित है तो पेट व त्वचा रोग हो सकता है।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने बताया कि अभी तक पानी से वायरस के फैलाव को लेकर कोई स्टडी नहीं आई है। इतना जरूर है कि यह वायरस नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करता है। कुछ मामलों में मुंह से भी संक्रमण के सुबूत मिले हैं। सांस लेने के दौरान नाक से वायरस के शरीर में जाने की वजह से फेफड़े में संक्रमण होता है।