कर्ज माफी पर कांग्रेस ने लोगों को किया गुमराह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 ट्वीट के बाद इस तरह की बोलती बंद

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एक ओर जहां पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी और कांग्रेस पार्टी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रही है। उन्होंने देश की जनता को भ्रमित करने का जैसे ठेका ले रखा है। दरअसल कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ नेताओं द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि आरबीआई ने केंद्र सरकार के आदेश पर 50 डिफॉल्टर्स का कर्ज माफ कर दिया है। जबकि हकीकत में ये कोई कर्जमाफी नहीं है ये कुछ और ही है। आइये हम आपको बताते हैं –

देश की बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफाल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपए का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। कर्ज को बट्टे खाते में डाला जाना या राइट ऑफ किया जाना और माफ करना दोनों ही एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं। कर्ज को बट्टे में डालना या राइट ऑफ करना बैंकों की तरफ से की जाने वाली अकाउंटिंग की प्रक्रिया होती है। जहां कर्ज को एक अलग खाते में डाल दिया जाता है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं होता है कि कर्ज की वसूली ही बंद कर दी जाती है।

कांग्रेस ने शुरु की राजनीति

इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस की तरफ से राजनैतिक माहौल को गर्म करने कोशिश की गई। जैसे ही विलफुल डिफॉल्टर्स के कर्ज को राइट ऑफ किया गया, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार के तहत बताया कि सरकार ने बैंको के कर्ज नहीं लौटाने वाले जिन 50 बड़े कर्जदारों के कर्ज माफ किए है उनमें मेहुल चोकसी, विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगौड़े भी शामिल हैं। इन भगौड़ों का कर्ज माफ करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमती के बिना संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें देश की जनता को बताना चाहिए कि सरकार ने यह कर्ज किस आधार पर माफ किया। रणदीप सिंह सुरजेवाला का ये बयान दर्शाता है कि वह किस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाना चाहते थे।

 

राहुल गांधी ने भी साधा सरकार पर निशाना

रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जिस जल्दबाजी में इस मुद्दे पर मोर्चा खोला, उससे भी यही साफ होता है कि वह भी सरकार के खिलाफ दो-दो हाथ करने को काफी दिनों से बेताब बैठे थे। राहुल गांधी ने अपने पुराने वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा ‘संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्तमंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया। अब RBI ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं। इसीलिए संसद में इस सच को छुपाया गया।‘ हालांकि राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद यूजर्स ने उन्हें ही निशाने पर लेना शुरु कर दिया।

कांग्रेस पर जमकर बरसी निर्मला सीतारमण

कांग्रेस द्वारा देश की जनता के बीच केंद्र सरकार के खिलाफ भ्रम की स्थिती पैदा होते देख निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होनें एक के बाद एक 13 ट्वीट से कांग्रेस की बोलती बंद कर दी। आईए नजर डालते है निर्मला सीतारमण के इन ट्वीट्स पर।

ट्वीट नंबर 1

निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा ‘राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने लोगों को भ्रामक तरीके से गुमराह करने का प्रयास किया है। वह उन तथ्यों का सहारा लेते हैं जो संदर्भ से बाहर होते हैं। किये गए ट्वीट्स में उठाये गए मुद्दों पर मैं प्रक्रिया देना चाहती हूं।’

ट्वीट नंबर 2

दूसरे ट्वीट में वित्त मंत्री ने कहा ‘2009-10 से लेकर 2013-14 तक सूचीबद्ध वाणिज्यिक बैंकों ने 1,45,226 करोड़ रुपए के लोन को राइट ऑफ किया था। अच्छा होता यदि राहुल गांधी लोन के राइट ऑफ के बारे में डॉ. मनमोहन सिंह से चर्चा कर लेते।’

ट्वीट नंबर 3

तीसरे ट्वीट में NPA का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ‘RBI द्वारा निर्धारित 4 वर्षीय प्रोविजनिंग साइकिल के तहत NPA के लिए प्रोविजनिंग की जाती है। जिन NPA के विरुद्ध पूरी तरह प्रोविजनिंग हो जाती है, उन्हें राइट ऑफ कर दिया जाता है, लेकिन बैंक डिफॉल्टर्स से वसूली की कोशिश जारी रखी जाती है। किसी भी लोन को माफ नहीं किया गया है।’

ट्वीट नंबर 4

विलफुल डिफॉल्टर्स के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने चौथे ट्वीट में कहा ‘ऐसे डिफॉल्टर जो क्षमता होने के बाद भी लोन नहीं चुकाते, फंड को दूसरे मद में डायवर्ट कर देते हैं, गबन करते हैं या बैंक की अनुमति के बिना सुरक्षित संपत्तियों को बेच डालते हैं, उन्हें विलफुल डिफॉल्टर माना जाता है। वे सत्ता से संपर्क रखने वाले ऐसे प्रमोटर्स हैं, जिन्होंने UPA की फोन बैंकिंग प्रणाली का लाभ उठाया था।’

ट्वीट नंबर 5

पांचवे ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में RBI के गवर्नर रहे रघुराम राजन का हवाला देते हुए कहा कि ‘अधिकतर बैडलोन 2006 से 2008 के बीच दिए गए थे। ऐसे वेल-कनेक्टेड प्रमोटर्स को बहुत सारे लोन दे दिए गए थे, जिनके साथ डिफॉल्ट करने का इतिहास जुड़ा हुआ था। निजी बैंक उन्हें लोन देना बंद कर रहे थे, फिर भी सरकारी बैंकों ने उन्हें लोन देना जारी रखा।’

ट्वीट नंबर 6

जब प्राइवेट सेक्टर के बैंक बाहर हो रहे थे, तब रिजर्व बैंक ऋण देने की गुणवत्ता को और भी बेहतर कर सकता था। 2015 से सभी सार्वजानिक बैंकों को GOL द्वारा NPA के 50 करोड़ विलफुल डिफॉल्ट के बारे में जाँच करने के लिए भी कहा गया था।

ट्वीट नंबर 7

नीरव मोदी को लेकर ट्वीट करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ” नीरव मोदी के मामले में 2,387 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्तियों को अटैच या सीज किया गया है। इसके तहत 961.47 करोड़ रुपए की विदेशी संपत्तियों को भी अटैच किया गया है। 53.45 करोड़ रुपए की विलासिता वाली संपत्तियों की नीलामी भी हुई है। वह अभी ब्रिटेन जेल में बंद है।”

ट्वीट नंबर 8

मेहूल चोकसी केस का जिक्र करते हुए उन्होने कहा ‘उसकी 1,936.95 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया गया, जिनमें से 67.9 करोड़ रुपए की विदेशी संपत्तियां हैं। 597.75 करोड़ रुपए की संपत्तियां सीज की गईं। रेड नोटिस जारी हो चुका है। एंटीगुआ को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया है। मेहुल चोकसी को भगोड़ा अपराधी घोषित किए जाने के मामले में भी सुनवाई जारी है।’

ट्वीट नंबर 9

विजय माल्या के मामले में उन्होंने कहा कि ‘अटैच की गई संपत्तियों का अटैचमेंट के समय कुल मूल्य 8,040 करोड़ रुपए था। सीज की गई संपत्तियों का उस वक्त कुल मूल्य 1,963 करोड़ रुपए था। इसे भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका है। भारत सरकार की ओर से किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद ब्रिटेन की अदालत ने भी प्रत्यर्पण के पक्ष में ही फैसला दिया है।‘

ट्वीट नंबर 10

अपने 10वें ट्वीट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्जदारों के खिलाफ पीएम मोदी द्वारा दिए गए आदेश के तहत की जा रही कार्यवाही को लेकर कहा ‘ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ ही हैं जो इन कर्जदारों पर नजर रखे हुए हैं। 9967 सूट्स और 3515 FIR को आगे बढ़ाया जा रहा है और इस मामले में भगोड़ा संशोधन अधिनियम लागू किया जा रहा है। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के मामले में वसूली का कुल मूल्य 18332.7 करोड़ रुपये है।’



ट्वीट नंबर 11

11वें ट्वीट में निर्मला सीतारमण ने कहा ‘समग्र रुप से 50 विलफुल डिफॉल्टर्स से संबधित कुल वित्त पोषण बकाया राशी और राशी का बैंक वाइस विवरण राहुल गांधी द्वारा 16 मार्च 2020 को लोकसभा में पूछे गए प्रश्न नंबर 305 के रुप में प्रदान किया गया था।’

ट्वीट नंबर 12

उधारकर्ताओं की सूची के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने अपने 12वें ट्वीट में कहा ‘इससे पहले 18 नवंबर 2019 को लोकसभा में आतरांकिक प्रश्न संख्या 52 के लिए 30 सितंबर 2019 को क्रिलिक रिपोर्टिंग के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको द्वारा विलफुल डिफॉल्टर्स के रुप में उधारकर्ताओं की सूची दी गई थी।’

ट्वीट नंबर 13

13वें ट्वीट में निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा ‘कांग्रेस और राहुल गांधी को आत्मनिरक्षण करना चाहिए कि वह सिस्टम को साफ करने में रचनात्मक भूमिका निभाने में विफल क्यों रहे। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए वंशवाद और भ्रष्टाचार को साफ करने की दिशा में कोई रूची नहीं दिखाई।’

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