उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पीड़िता के परिवार के शख्स को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। पीड़ित परिवार के सुरक्षा कारणों से उसके घर में 8 सीसीटीवी कैमरे और 1 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। देखा जा रहा है कि जैसे ही सीसीटीवी कैमरा मेटल डिटेक्टर लगे वैसे ही रिश्तेदारों की संख्या दिन प्रतिदिन घटने लगी है।
अब यह सवाल उठ रहा है कि जो पुरुष या महिला स्वयं को पीड़िता का रिश्तेदार बताते थे वह सीसीटीवी कैमरे लगने से पीड़िता का घर छोड़ कर वापस क्यों जा रहा है? घर के आसपास फायर बिग्रेड की एक गाड़ी और खुफिया विभाग के कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए हैं।
कल ही एक बड़ा खुलासा हुआ था, जिसमें पीड़िता की भाभी बनकर रह रही महिला दरअसल पीड़ित परिवार से थी। वह महिला मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाली थी और उस महिला से पीड़ित परिवार की कोई रिश्तेदारी नहीं है।
आज यह खबर आ रही है कि पीड़िता परिवार के रिश्तेदारों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम हो रही है, फिर यह सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि आखिर पीड़िता का रिश्तेदार बनकर कौन रह रहा था? पीड़िता को कौन बहला फुसला रहा था? क्या पीड़िता को भड़काने के लिए कोई बड़ी प्लानिंग की जा रही थी?
यह सभी सवाल खड़े हो सकते हैं क्योंकि पीड़िता के नकली भाभी का नक्सली करेक्शन भी सामने आया है। साथ ही पिया फाई कनेक्शन भी हाथरस केस में सामने आया था जिसमें जातिगत दंगा भड़काने की भरपूर प्रयास किया गया था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब चार आरोपियों को मथुरा से गिरफ्तार किया गया।
पीएफआई कनेक्शन
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने बताया कि हाथरस मे घटित हुई घटना के सहारे कुछ असामाजिक तत्व जातिगत दंगा फैलाने की कोशिश कर रहे थे। यह बात मुख्य रूप से तब साबित हुई जब मथुरा से चार युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनके पास कई विद्युत यंत्रों को भी बरामद किया गया है।