कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश की व्यवस्थाओं को ठीक से चलाने के लिए तथा प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने बुद्धवार को एस्मा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद राज्य में अति आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी छुट्टी तथा हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। सभी अति आवश्यक कर्मचारियों को सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, जो कर्मचारी आदेशों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल ने बुधवार को विरोध प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हड़ताल पर रोक लगा दी। हम आपको बता दें इस अधिनियम को 1968 में लागू किया गया था। किसी राज्य की सरकार या केंद्र सरकार द्वारा यह अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है।इस कानून के लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनका यह कदम अवैध और दंडनीय श्रेणी में आता है। ऐसा कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है।