छत्तीसगढ़ में हुई नक्सली मुठभेड़ के बाद कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास गायब हो गए थे। मंगलवार को नक्सलियों ने एक बयान जारी करके बताया कि 3 अप्रैल से लापता कोबरा जवान उन्हीं के कब्जे में है। और आज छत्तीसगढ़ की मुठभेड़ के बाद लापता हुए जवान की तस्वीर भी जारी की गई है। राकेश्वर सिंह का परिवार उनकी रिहाई की मांग लिए सड़क पर धरना दे रहा है। उनकी मांग है कि सरकार राकेश्वर की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करे। खबरों के अनुसार यह माना जा रहा है कि बुधवार को नक्सलियों ने राकेश्वर सिंह की एक तस्वीर जारी की है जिसमें वे बैठे हुए और स्वस्थ दिखाई दे रहे हैं।
हम सभी जानते हैं 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के 22 जवान शहीद हो गए हैं और कुछ नक्सलियों के मारे जाने की भी सूचना आई है।मुठभेड़ के दिन से ही सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान राकेश्वर सिंह मनहास लापता है। नक्सलियों ने चिट्ठी लिखकर यह बताया है कि जवान उनके कब्जे में है। हालांकि, नक्सलियों ने यह शर्त भी रखी है कि सरकार एक मध्यस्थ नियुक्त करे जिसके बाद जवान को वे रिहा करेंगे।
राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।उन्होंने कहा है कि अगर एक जवान ड्यूटी पर पहुंचने में देरी कर दे तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है लेकिन अब जब एक जवान 3 अप्रैल से लापता है तो सरकार चुप बैठी है।उनकी मां ने भी सरकार से बेटे को रिहा कराने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ और नहीं चाहती। मैं सिर्फ अपने बेटे की वापसी चाहती हूं। सरकार कहां है? क्या इस सरकार के लिए एक जवान की जान की कोई कीमत नहीं है?’ राकेश पाल सिंह के ससुर ने भी उनकी रिहाई न होने पर गुस्सा व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘क्या हमने इसी दिन के लिए सरकार को वोट किया था। हमारे बचाव के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। वह मेरा दामाद है और हम उसकी वापसी चाहते हैं। बीते 4 दिनों से वह नक्सलियों के कब्जे में हैं, लेकिन उनकी रिहाई के लिए अब तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।