अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने महिलाओं के लिए यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Universal Waste Management System) नाम का टॉयलेट का निर्माण किया है। जिसकी कीमत करीब 23 मिलियन डॉलर्स है। भारतीय मुद्रा में बात करें तो कीमत करीब 174 करोड़ रुपए है। पिछले कुछ सालों में महिला ऐस्ट्रोनॉट्स का स्पेस स्टेशन पर आना-जाना बढ़ गया था। ऐसे में उनके समक्ष यह दिक्कत आ रही थी कि पुराना टॉयलेट महिला ऐस्ट्रोनॉट्स के हिसाब से सही नहीं था। इसलिए नासा ने छह के साल के रिसर्च के बाद एकदम नया टॉयलेट बनाया है, इसका प्रयोग पुरुष और महिलाएं दोनों ही कर सकते हैं।
नासा को इस टॉयलेट का निर्माण करने में करीब 6 साल लगे हैं और इसे सितंबर तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजने की तैयारी है।गौरतलब है कि नासा में इससे पहले जिस टॉयलेट का इस्तेमाल किया जा रहा था, उसे माइक्रोग्रैविटी टॉयलेट कहते हैं। यह मल को रिसाइकल कर देता था। लेकिन अब खास तकनीक से बने टॉयलेट में फनल-फंक्शन सिस्टम होगा। ताकि ऐस्ट्रोनॉट्स इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकें। नासा ने महिलाओं के लिए इस टॉयलेट का नाम रखा है – यूनिवर्सल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (Universal Waste Management System – UWMS जो पुराने टॉयलेट की तुलना में कम जगह घेरेगा।
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इसका वजन भी पहले वाले टॉयलेट की तुलना में कम है। साथ ही इसका इस्तेमाल आसान होगा। इसमें यूरिन ट्रीटमेंट की सुविधा है। साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों को टॉयलेट पर बैठते समय पैर फंसाने के लिए जगह बनी होगी। पहले के टॉयलेट में यूरीन और मल को अलग-अलग करना बेहद मुश्किल था। उसे रिसाइकिल करने की प्रक्रिया भी जटिल थी। लेकिन इस नए टॉयलेट में पेशाब और मल दोनों अलग-अलग हो जाएंगे और अब उनकी रिसाइक्लिंग भी अलग-अलग होगी। सूत्रों के अनुसार स्पेस स्टेशन के बाद रॉकेट या स्पेसक्राफ्ट में भी इस टॉयलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसे नासा 2024 में मून मिशन अर्टेमिस में भेजेगा।
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