सड़क निर्माण के समय चित्रकूट में जब एक पत्थर को हटाया गया तो उसके पीछे एक गुफा नजर आई। यह प्रख्यात स्थान तीर्थ गोदावरी से 1 किलोमीटर दूर स्थित है। गुफा मिलने की सूचना तथा फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए और दर्शनार्थी यहां पर आकर इस गुफा को देखने लगे। मध्यप्रदेश के नायब तहसीलदार ने गुफा का निरीक्षण करके गुफा के द्वार को बंद करा दिया है तथा इसकी जानकारी पुरातत्व विभाग को भेज दी गई है। नगर पंचायत चित्रकूट क्षेत्र में गोदावरी के पास से खर पहाड़ गांव के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है। सड़क निर्माण के दौरान ही एक बड़ा सा पत्थर जो हटाया गया तो उसके पीछे गुफा दिखाई दी। मशीन ऑपरेटर व ठेकेदार ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं दी। सोशल मीडिया में जब उसकी फोटो और वीडियो वायरल हुए सब देखने के लिए दर्शनार्थी यहां पर एकत्रित होने लगे, उसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और चित्रकूट मध्य प्रदेश के नायब तहसीलदार ऋषि नारायण सिंह की टीम यहां पहुंची और उन्होंने कहा कि पुरातत्व विभाग को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
गुफा को पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस गुफा से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर श्री राम बनवास काल का गुप्त गोदावरी के स्थल है यह माना जाता है कि यहीं पर माता गोदावरी गुप्त रूप से भगवान राम के दर्शन करने के लिए प्रकट हुई थी। तुलसी गुफा के महंत मोहित दास ने कहा है कि पुरातत्व विभाग को संज्ञान लेकर इस गुफा का संरक्षण करना चाहिए।