मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक जंग लगता है अब जल्द ही खत्म हो जाएगी। विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के 6 बागी मंत्रियों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। ये सभी कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री थे। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया है। खबर है कि बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट बजट सत्र से पहले कराये जाने की मांग की है। वहीँ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वो फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले उनके विधायकों को मुक्त कराया जाए।
जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक कोई भी बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने उपस्थित नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि अगर सभी विधायक स्पीकर के सामने उपस्थित नहीं हुए तो सरकार फ्लोर टेस्ट टाल सकती है। नियम के मुताबिक सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है। उधर सिंधिया के करीबी माने जाने वाले रामनिवास रावत ने कहा, ”मैं कांग्रेसी था और कांग्रेसी रहूंगा। विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाया गया है। जब वे भोपाल पहुंचेंगे, तो इस्तीफा नहीं देंगे।” रावत ने सिंधिया को लेकर कहा, “हमने सिंधियाजी को नहीं छोड़ा है, सिंधियाजी हमें छोड़कर गए हैं।“
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस ने रविवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार बचाने की रणनीति पर चर्चा होगी।
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