राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत के विकास के पूरे सफर पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हम अपने देश को 75 वर्षों में उतना आगे नहीं ले जा पाए जितना हमें भारत को आगे ले जाना चाहिए था। देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे तो आगे बढ़ेंगे… उस रास्ते पर नहीं चले इसलिए आगे नहीं बढ़े। जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने वाले व्यक्तियों तथा कुछ संगठनों को सम्मानित किया गया था। विज्ञान भवन में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2021 के इस आयोजन में राष्ट्रीय सेवा भारती का सहयोग भी रहा। इस मौके पर कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं। संत ईश्वर सम्मान प्रति वर्ष ऐसे संगठनों एवं व्यक्तियों को दिया जाता है जो समाज की नजरों से दूर निस्वार्थ भाव से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवकसंघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारी आवाज अलग-अलग हो सकती है। रूप अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सुर एक होना चाहिए। हम सबका मूल एक आधार पर टिका है। हम सबमें भावात्मक एकता आनी चाहिए। भागवत ने कहा था कि हम पराई स्त्री को माता मानते हैं और दूसरे का धन संपदा हमारे लिए कीचड़ के समान है। हमको खुद जिस बात से बुरा लगता है हम दूसरों के साथ वैसा व्यवहार नहीं करते हैं। हमारे अपने नागरिक अधिकार हैं। हमारे नागरिक दायित्व भी हैं। हमें इन सभी बातों को गंभीरता के साथ अपनाना चाहिए।