पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत पश्चिम बंगाल में लगा चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार पश्चिम बंगाल का दौरा करके पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की जीत को निश्चित कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ और ममता बनर्जी अपनी पार्टी और अपनी सरकार बचाने की फिराक में लग गई है। इसी बीच ही बताया जा रहा है कि ममता सरकार ने चुनाव से 1 साल पहले द्वारे सरकार योजना लॉन्च कर दी है। इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक वार्ड में प्रत्येक व्यक्ति के घर तक जाएगी।
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इस योजना के तहत सरकार की कई स्कीम जनता तक पहुंचाई जाएंगी। जिसमें राशन कार्ड उससे जुड़े बदलाव तथा आदिवासी तापस समुदाय के बच्चों को 800 रूपये सालाना की स्कॉलरशिप देने जैसे प्रमुख कार्य शामिल है। इन कार्यों के लिए ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, जिला, तहसील लेवल पर योजना बनाई जा रही है।
यह भी बताया जा रहा है कि आदिवासी समुदाय के लिए आर्थिक मदद का ऐलान भी किया गया है। 60 साल से अधिक उम्र वाले लोग जिनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है। बंगाल की सरकार उन्हें घर बैठे एक हजार रूपये प्रति महीना देगी, हालांकि अब देखना यह होगा कि क्या पश्चिम बंगाल सरकार अपने इन बातों से पश्चिम बंगाल के लोगों के जख्मों पर मरहम लगा सकती है? या फिर भारतीय जनता पार्टी पर ही इस बार पश्चिम बंगाल की जनता भरोसा करेगी?