मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना के बारे में कौन नहीं जानता है? इस योजना के कारण मध्य प्रदेश की बहुत सारी बेटियों और महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है। वहीं अब मध्य प्रदेश के CM Shivraj Singh Chauhan ने कहा है कि कॉलेज में दाखिला लेने वाली बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 25000 रूपये की राशि दी जाएगी। बालिका के जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं की शैक्षणिक स्तर एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनके अच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से प्रदेश में एक अप्रैल 2007 में इस लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरूआत गई थी।
CM Shivraj Singh Chauhan ने यहां लाड़ली लक्ष्मी उत्सव को संबोधित करते हुए कहा, “कॉलेज में दाखिला लेने वाली लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को 25,000 रूपये की राशि दी जाएगी।” उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य-सुविधा, स्वावलंबन, समृद्धि और उनका सम्मान ही हमारी प्राथमिकता है। यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है। नारी तुम केवल श्रद्धा हो, यह भाव अगर मजबूत होगा तो निश्चित तौर पर देश आगे बढ़ेगा। CM Shivraj Singh Chauhan ne कहा कि प्रदेश में बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देने और बैंक ऋण पर सरकार की तरफ से गारंटी देने का कार्य किया जाएगा। उच्च शिक्षा के लिए शिक्षण शुल्क की व्यवस्था भी की जाएगी। संगीत और चित्रकला जैसे क्षेत्रों में विकास के लिए हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
अनाज बेटियों को भी मिलेगा योजना का लाभ
CM Shivraj Singh Chauhan ने कहा कि प्रदेश में माता-पिता के बिना, अनाश्रित स्थिति में मिली बेटियों को भी लाड़ली लक्ष्मी मानकर योजना के लाभ दिए जाएंगे। लाड़ली लक्ष्मी दिवस उत्सव के रूप में न सिर्फ राज्य स्तर पर बल्कि जिला, ब्लाक और ग्राम पंचायत स्तर पर मनाया जाएगा। कोशिश यह होंगी कि मध्य प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना पूरी दुनिया में आदर्श उदाहरण बन जाए। उन्होंने सिंगल क्लिक के माध्यम से ‘लाड़ली लक्ष्मी उत्सव’ में प्रदेश की 21,550 लाड़लियों के खातों में 5.99 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति का अंतरण किया। चौहान ने बताया कि उन्होंने मजबूत संकल्प के साथ वर्ष 2007 से लाड़ली लक्ष्मी योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ किया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने लाड़लियों के कल्याण के लिए 47,200 करोड़ रूपये सुरक्षित रख दिए हैं, जो समय-समय पर इन्हें मिलना है। भाव यही है कि बेटियाँ बोझ न बनें, वरदान बन जाएँ। यह केवल योजना नहीं है, समाज की दृष्टि बदलने का प्रयास है।”
आपको बता दें कि योजना शुरू होने से अब तक कक्षा 6, कक्षा 9, कक्षा 11 और कक्षा 12 में प्रवेश लेने वाली 6.62 लाख बालिकाओं को 185 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जा चुकी है। इस योजना की प्रशंसा पूरे देश में की जाती है। और कई राज्यों ने इस योजना को अपनाया भी है।