Fabindia ने चलाया जश्न ए रिवाज़ कैम्पन, बीजेपी बोली- इस दुस्साहस का नुकसान उठाना पड़ेगा

क्लाथिंग, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स से जुड़ी कंपनी फैब इंडिया ने भी इस फेस्टिव सीजन पर अपने ग्राहकों के लिए 'जश्न-ए-रिवाज' कैंपेन की शुरुआत की थी जिसे लेकर अब एक नया विवाद शुरू हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि Fabindia को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।

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दिवाली पर ग्राहक को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न कंपनियां विभिन्न तरह के विज्ञापन चलाती हैं। इसी श्रंखला में क्लॉथ, होम डेकोर और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट बनाने वाली Fabindia कंपनी ने अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए जश्न ए रिवाज कैंपेन की शुरुआत की थी। जिसे लेकर अब एक नया विवाद जन्म ले चुका है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि दीवाली ‘जश्न ए रिवाज’ नहीं है।

दरअसल Fabindia ने एक ट्वीट कर कहा, ‘जैसा कि हम प्यार और प्रकाश के त्योहार का स्वागत करते हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रियाज एक ऐसा संग्रह है जो खूबसूरती से भारतीय संस्कृति को श्रद्धांजलि देता है।’ लोगों ने अब कंपनी के इस ट्वीट का विरोध करना शुरू कर दिया है। हालांकि विवाद के बाद फैबइंडिया ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। जश्न ए रिवाज कैंपने को लॉन्च करते हुए Fabindia ने कहा, ‘इस दिवाली पहले से कहीं अधिक हम सभी मित्रों और परिवार से घिरे रहने के लिए आभारी हैं। यह संग्रह अपनेपन की भावना का प्रतीक है, आपसे शिल्प को अपनाने का आग्रह करता है। ऐसा कोई कारण नहीं है कि हमारे कारीगरों का सम्मान करके अपनी जड़ों का जश्न मनाना रोजमर्रा की बातचीत का हिस्सा न हो।’

Fabindia के इस कैंपने का विरोध करते हुए पद्मश्री और मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन मोहनदास पाई ने कहा, ‘दीपावली पर फैब इंडिया का बहुत ही शर्मनाक बयान! यह एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जैसे क्रिसमस और ईद दूसरों के लिए है! इस तरह का बयान एक धार्मिक त्योहार को खत्म करने की सोची-समझी कोशिश को दिखाता है!’ वहीं आपको बता दें कैंपेन के इस नामकरण पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी विरोध जताया है। बीजेपी यूपी के प्रवक्ता प्रशांत उमराव ने ट्वीट कर कहा, ‘फैब इंडिया के कपड़े बहुत महंगे हैं और एक बार धोने के बाद बेकार हो जाते हैं, अन्य ब्रांडों की तरफ जाने की जरूरत है।

वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा करवाचौथ, अहोई, दीपावली, भाईदूज ये क्या मुस्लिम फेस्टिवल है जो तुम जश्न ए रिवाज लिख रहे हो। एक अन्य यूजर ने लिखा- फैब का बहिस्कार करें, मुझे उनकी बातें समझ नहीं आ रही हैं, ऐसा लगता है कि उन्होंने पाकिस्तान को नौकरी आउटसोर्स कर दी है।

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