अक्सर हमें सलाह दी जाती है कि अपनी लाइफ में अधिक से अधिक खुश रहा करो और हंसते रहा करो। लेकिन शायद ही कोई होगा जो हमें रोने के लिए बोलता होगा। बहुत कम लोग जानते है कि रोना भी हमारी ज़िन्दगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हंसने की तरह ही रोने से भी हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। रोते समय हमारी आँखों से लाइसोजाइम नामक एक लिक्विड निकलता है, जो मात्र 10 मिनट में ही हमारी आँखों के 90 प्रतिशत बैक्टेरिया नष्ट कर देता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि कुछ लोग अपनी ज़िन्दगी में रोना ही भूल जाते हैं। या फिर कुछ लोग रोने के लिए एक एकांत कोना ढूंढते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह हम सभी लोगों के सामने हंसने लगते हैं, उसी प्रकार अपनी फीलिंग्स व्यक्त करते समय हमें रोना भी चाहिए। रोने से हमारे मन का बोझ हल्का हो जाता है, जो हमें डिप्रैशन और मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।
जो लोग अपनी ज़िन्दगी में रोना भूल गए हैं, ऐसे लोगों के लिए गुजरात के सुरत शहर में एक क्राइंग क्लब स्टार्ट किया गया है। इस क्लब में एक खास क्राइंग थेरेपी की मदद से लोगों की आँखों से आंसू निकाले जाते हैं और उन्हें अन्य सभी लोगों के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त करने का मौका दिया जाता है। अपनी दुख भरी कहानियां सुनाते समय लोग सभी के सामने इमोशनल होकर रोने लगते हैं। इसलिए अगली बार जब भी आपका रोने का मन करे तो उसके लिए कोई एकांत कोना ढूंढने की बजाय अपने दोस्तों और परिवार के साथ फीलिंग्स शेयर कर कुछ देर रो सकते हैं।