लॉकडाउन 5.0 और अनलॉक 1.0 के बाद भारत में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। पूरे विश्व में कोरोना के कुल मामलों में भारत छठें स्थान पर आ गया है और जल्द ही भारत में कोरोना के मरीजों का आँकड़ा 3 लाख के पार हो जाएगा। हालांकि अभी तक स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये बात स्वीकार नहीं की है कि हमारे देश में कोरोनावायरस के समुदाय संक्रमण की शुरूआत हो गई है लेकिन दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में जिस तरह से ये वायरस लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है उससे समुदाय संक्रमण की बात को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
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कुछ विशेषज्ञ समुदाय संक्रमण से लाभ होने की बात बता रहे हैं। उनके मुताबिक यदि ऐसा होता है तो देश में हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) की शुरूआत हो सकती है। हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) के डेवलप होने पर आसानी से इस वायरस को मात दी जा सकती है। हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) का मतलब होता है सामुहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता। वैज्ञानिकों के अनुसार जब देश की बड़ी आबादी किसी संक्रमण रोग से पीड़ित होती है तो संक्रमित लोगों के समुह में उसके खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। हर्ड इम्युनिटी के विकसित होने पर कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों पर भी वायरस ज्यादा असर नहीं डाल पाएगा।
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विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की 60-65 फीसदी आबादी युवाओं की है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य विकसित देशों के मुकाबले काफी मजबूत है। हमारे देश में फैला कोरोना वायरस एक बीटा वायरस है जो एक कमजोर वायरस की श्रेणी में आता है। ऐसे में हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) के विकसित होने पर यह वायरस कमजोर हो जाएगा और आसानी से भारत इसे मात दे सकता है। अभी तक हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) के जरिए विश्व के कई देशों में पॉलियो, चिकनपॉक्स और मम्प्स जैसी बीमारियों को खत्म किया जा चुका है। हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत में हर्ड इम्युनिटी के विकसित होने में अभी दो से छह महीने तक का वक्त लग सकता है और इसके लिए एक बड़ी आबादी का कोरोना से संक्रमित होना भी जरूरी है।