भारत की फिर हुई जीत, ब्रिटेन ने दी कोविशील्ड को मान्यता, ये है पूरा मामला

भारत की ओर से ब्रिटेन पर बनाया गया था दबाब काम आ चुका है। ब्रिटेन ने आखिरकार सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' को अपने नए यात्रा नियमों में मान्यता दे दी है लेकिन इसके साथ एक पेच भी फंसा दिया गया है।

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भारत आज विश्व की महाशक्ति के रूप में भर चुका है।विश्व का कोई ऐसा देश नहीं है जिस पर आज भारत दबाब ना सकता हो। भारत की ओर से बनाया दबाव काम कर गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कहा था कि आज भारत में इतनी शक्ति है कि वह पूरे विश्व पर दबाव बना सकता है। और वर्तमान समय में ऐसा दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि भारत के दबाव के बाद ब्रिटेन ने आखिरकार सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा बनाई कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को अपने नए यात्रा नियमों में मान्यता दे दी है लेकिन इसके साथ एक पेच भी फंसा दिया गया है। दरअसल, अभी भी ब्रिटेन जाने वाले भारतीयों को क्वारंटीन रहना अनिवार्य है। ब्रिटेन ने अपनी ट्रैवल पॉलिसी में बदलाव करते हुए कोविशील्ड को मंजूरी दे दी है लेकिन उसने भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को मंजूरी नहीं दी है जिसके कारण जमीनी स्तर पर भारतीय यात्रियों के लिए कोई खास बदलाव नहीं होगा।

नई गाइडलाइंस के अनुसार एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वजेवरिया और मॉडर्ना टकीडा के फॉर्मुलेशन को मान्यता दी गई है। हालांकि, कोविशील्ड की दोनों डोज लेने वाले यात्रियों को अभी भी 10 दिन क्वारंटीन रहना अनिवार्य है। ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि वह वैक्सीन सर्टिफिकेट के मान्यता को लेकर भारत के साथ मिलकर काम कर रही है। ऑक्सफोर्ड -एस्ट्राजेनेका की बनाई कोरोना वैक्सीन के फॉर्मूले से ही भारत में कोविशील्ड बनाई गई है।

ब्रिटेन ने ऐलान किया है कि चार अक्टूबर से अब उसकी सिर्फ एक रेड लिस्ट रहेगी यानी सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी। लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। जो देश रेड लिस्ट में नहीं होंगे, उनके लिए नियमों यात्री के वैक्सीनेशन स्टेटस पर निर्भर करेंगे।

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