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अपने करियर को देनी है ऊंची उड़ान, तो एयर होस्टेस का कोर्स रहेगा बेस्ट

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भारत एक ऐसा देश है जहां जनसंख्या के हिसाब से रोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में एयर होस्टेस (Air Hostess) और केबिन क्रू (Cabin Crew) के कोर्सेस की डिमांड में काफी इजाफा देखने को मिला है। खासतौर पर युवा लड़कियों में इसके प्रति ज्यादा आकर्षण देखने को मिल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां आपको अच्छी सैलरी तो मिलती ही है, साथ ही हवा में रोज़ाना ऊंची उड़ान भरने का मौका भी आपको मिलता है।

एयर होस्टेस का काम हवाई जहाज के अंदर मौजूद यात्रियों की देख-रेख करना होता है। यह एक ऐसा काम है जिससे आपका पूरे विश्व में घूमने का सपना भी साकार हो जाता है। जिस प्रकार लड़कियों को एयर होस्टेस कहा जाता है, उसी प्रकार केबिन क्रू के पुरुष मेंबर्स को स्टूअर्ड् कहा जाता है। केवल लड़कियों के लिए ही नहीं लड़को के लिए भी इस फील्ड में करियर बनाने के काफी अवसर मौजूद हैं। अगर आप भी ऊंची उड़ान भरने और एक आलीशान ज़िन्दगी जीने की तमन्ना रखते हैं तो एविएशन एंड एयर होस्पिटियालिटी जैसे कोर्स जॉइन कर इस क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

एयर होस्टेस बनने के लिए जरुरी योग्यता

एयर होस्टेस या स्टुअर्ड बनने के लिए बहुत ज्यादा योग्यताओं का होना जरुरी नहीं है। हालांकि कुछ सामान्य योग्यताएं आपके पास होना आवश्यक हैं-

शैक्षणिक योग्यता

एक एयर होस्टेस (Air Hostess) बनने के लिए आपका कम से कम 12वीं पास होना अनिवार्य है। हालांकि अगर आपने ग्रैजुएशन की हुई है तो आपको नौकरी के दौरान ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी। एयर होस्टेस बनने के लिए इससे जुड़े कोर्स में दाखिला लेना जरुरी नहीं होता, लेकिन कोर्स जॉइन करने से आपको नौकरी के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद होती है। इसके अलावा आपको हिंदी और इंग्लिश के साथ एक विदेशी भाषा की जानकारी होना भी आवश्यक है।

मेरिटल स्टेटस और उम्र

आमतौर पर एयरलाइंस द्वारा एयर होस्टेस की उम्र सीमा पहले ही तय कर दी जाती है। अधिकतर एयरलाइंस में एयर होस्टेस की उम्र 17 वर्ष से 26 वर्ष तय की हुई है। वहीं अगर मेरिटल स्टेटस की बात की जाए तो एयर लाइंस अविवाहित लड़कियों को रखना ही ठीक समझते हैं। कई एयरलाइंस अपनी गाइडलाइंस में पहले ही यह सब स्पष्ट कर देती हैं। हालांकि कुछ डॉमेस्टिक एयरलाइंस शादीशुदा महिलाओं को भी एयर होस्टेस बनने के अवसर देती हैं।

दमदार पर्सनालिटी

एयर होस्टेस (Air Hostess) की फील्ड में दमदार पर्सनालिटी और अच्छा दिखना बहुत अहमियत रखता है। आपको पूरे टाइम खुद को मेंटेंन रखना होता है। एयर होस्टेस बनने के लिए आपकी हाईट कम से कम 5 फीट 3 इंच होनी चाहिए। हाईट के अनुसार आपका वजन भी ठीक होना चाहिए। अगर आपकी स्कीन फेयर है तो इसका फायदा भी आपको जरुर मिलेगा।

मेडिकली फिट होना भी जरुरी

एक एयर होस्टेस का काम कई घंटे लगातार हवाई जहाज में यात्रियों की देख रेख करना होता है। ऐसे में उसका मेडिकली फिट होना बहुत जरुरी है। उसकी नज़रें कमजोर नहीं होनी चाहिए और किसी प्रकार की सांस या हार्ट संबंधी कोई बीमारी भी नहीं होनी चाहिए।

सभी के साथ अच्छा बर्ताव 

एक अच्छी एयर होस्टेस (Air Hostess) बनने के लिए आपको सभी के साथ अच्छा बर्ताव करना बहुत जरुरी है। किसी भी हालात में आपको गुस्सा नहीं आना चाहिए। आपका दिमाग जॉब के दौरान पूरी तरह से सक्रीय एवं शांत होना चाहिए। यह एक ऐसा काम है, जहां किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाईश नहीं होती है। इन सबके अलावा आपको टीम के साथ काम करना आना चाहिए। आमतौर पर एक फ्लाईट में 12-14 क्रू मेंबर्स मौजूद होते हैं।

एयर होस्टेस बनने के लिए जरूरी कोर्स तथा फीस

अगर आप भी एयर होस्टेस (Air Hostess) बनने का मन बना रहे हैं तो सबसे पहले यह तय करें कि किस कोर्स में आपको दाखिला लेना है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए तीन प्रकार के कोर्स होते है- सर्टीफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और डिग्री कोर्स। सर्टिफिकेट कोर्स 6 से 12 महिनों का होता है। 12वीं पास करने के बाद आप सीधे इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसके अंदर आप एयर होस्टेस मैनेजमैंट, एयरलाइंस होस्पिटियालिटी और एविएशन कस्टमर सर्विस के लिए दाखिला ले सकते हैं।

इसके बाद डिप्लोमा कोर्स का नंबर आता है। यह कोर्स भी सर्टिफिकेट कोर्स की तरह ही एक साल का होता है। डिप्लोमा कोर्स उनके लिए फायदेमंद है जो अपनी ग्रैजुएशन किसी और फील्ड से पूरी कर चुके हैं और अब एयर इंडस्ट्री में जाने का मन बना रहे हैं।

डिग्री कोर्स तीन साल का बैचलर कोर्स होता है। अगर आप पूरी तरह से इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो यह कोर्स आपके लिए बेस्ट रहेगा। आप बैचलर्स ऑफ होस्पिटियालिटी एंड मैनेजमैंट या बैचलर्स ऑफ एविएशन जैसे डिग्री कोर्स में 12वीं के बाद दाखिला ले सकते हैं।

इन कोर्सेस की फीस की बात करें तो यह सभी कॉलेज और इंस्टीट्यूट्स की अलग अलग होती है। अगर किसी अच्छी संस्था से आप यह कोर्स करते हैं तो इसमें सालाना 1.5 से 2 लाख रुपए का खर्च आएगा।

कैसे होती है एयर होस्टेस की भर्ती

एयर होस्टेस की भर्ती की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है-

1. लिखित परीक्षा

एयर होस्टेस (Air Hostess) की भर्ती एक लिखित परीक्षा द्वारा शुरु की जाती है। इस परीक्षा में मल्टीपल चॉइस वाले प्रश्न होते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको काफी तैयारी करनी पड़ेगी। इसमें जनरल अवेयरनेस और एयर होस्टेस के कोर्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

2. ग्रुप डिस्कशन 

लिखित परीक्षा पास करने वाले अगले राउंड में पहुंचते हैं। यह राउंड ग्रुप डिस्कशन का होता है, जिसमें आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स, प्रेजेंस ऑफ माइंड, टीम वर्क और लीडरशिप क्वालिटी वगैरह देखी जाती है। एक अच्छे केबिन क्रू मेंबर के लिए इन सभी विशेषताओं का होना बहुत ही जरुरी है।

3. पर्सनल इंटरव्यू 

एयर होस्टेस (Air Hostess) की भर्ती की प्रक्रिया में अंतिम चरण पर्सनल इंटरव्यू का होता है। यह राउंड सबसे ज्यादा मुश्किल माना जाता है, क्योंकि इसमें कैंडिडेट की हाजिरजवाबी टेस्ट की जाती है। उससे कई अजीबोगरीब सवाल पूछे जाते हैं। जो इन सवालों का सबसे सटीक जवाब देता है, एयरलाइंस कंपनी उसे ही नौकरी पर रखती है। चयनित व्यक्तियों की पहले 6 महिने की ट्रेनिंग होती है, उसके बाद ही उन्हें फ्लाईट की जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

सैलरी और स्कोप

एक एयर होस्टेस को उसकी प्रोफाइल के अनुसार सैलरी मिलती है। शुरुआत में डोमेस्टिक एयरलाइंस 25 हजार रुपए प्रति माह पर एयर होस्टेस को हायर करती है, वहीं इंटरनैशनल एयरलाइंस में आप आसानी से 40 हजार रुपए महीने से अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। धीरे-धीरे अनुभव के साथ आपकी सैलरी में लगातार इजाफा होता रहता है। सीनियर एयर होस्टेस को एयरलाइंस 2 लाख रुपए प्रति महीने तक की सैलरी पर हायर करती है।

एयर होस्टेस की जॉब एक सीमित उम्र तक ही की जा सकती है। अमूमन एक एयर होस्टेस का करियर ग्राफ 8 से 10 साल का होता है। हालांकि इसके बाद भी उसके पास कई अवसर मौजूद होते हैं। उन्हें ग्राउंड स्टाफ होस्टेस की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है या नई आने वाली एयर होस्टेस की ट्रेनिंग का काम दे दिया जाता है। इसके अलावा आप किसी एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में भी बतौर प्रोफेसर अपना करियर सेट कर सकते हैं।

एयर होस्टेस का कोर्स कराने वाले कुछ प्रमुख संस्थान

• एयर होस्टेस अकादमी (पूणे, बैंग्लोर, चंडीगढ़, दिल्ली और मुंबई)
फ्रैंकफिन इंस्टीट्यूट ऑफ एयर होस्टेस (नई दिल्ली और मुंबई)
• राय युनिवर्सिटी, अहमदाबाद
राजीव गांधी मेमोरियल कॉलेज ऑफ एरोनॉटिक्स, जयपुर
• युनिवर्सल एविएशन अकादमी, चेन्नई
जेट एयरवेज़ ट्रेनिंग अकादमी, मुंबई
• पीटीसी एविएशन अकादमी (चेन्नई और बैंग्लोर)

Nokia 6.2 और Nokia 7.2 ट्रिपल कैमरे के साथ हुआ लांच

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Nokia ने दोबारा मार्किट में वापसी करने के लिए ने पूरी तैयारी कर ली है। हाल ही में नोकिया ब्रांड लाइसेंसी HMD ग्लोबल ने बर्लिन के IFA टेक फेयर में अपने दो नए फोन्स को लॉन्च किया है। लांच हुए Nokia 6.2 और Nokia 7.2 फोन में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप और PureDisplay टेक्नोलॉजी के साथ Android One प्रोग्राम को सपोर्ट करते हैं। इन्हें जल्द ही एंड्राइड 10 क्यू का अपडेट भी मिलेगा।

नोकिया नें ने दोनों फोन्स को क्राफ्टेड पॉलीमर कम्पोसिट से तैयार किया है, जो कि पॉलीकार्बोनेट जितना ही मजबूत है और एल्यूमिनियम से काफी हल्का है। दोनों ने फोन्स में अगल – अलग फीचर दिए गये हैं। आइये जानते हैं दोनों के धांसू फीचर और प्राइस के बारे में:-

Nokia 6.2

6.3-इंच FHD+ ‘PureDisplay’ टेक्नोलॉजी से लेस Nokia 6.2 स्मार्टफोन में फ्रंट और बैक में Corning Gorilla Glass 3 प्रोटेक्शन दिया गया है। साथ ही फोन को अच्छी स्पीड देने के लिए इसमें Qualcomm Snapdragon 636 SoC दिया है, जो कि 3GB/ 4GB रैम और 32GB/ 64GB/ 128GB इंटरनल स्टोरेज के साथ आता है। इसके आलावा इस स्मार्टफोन के फ्रंट में सेल्फी के लिए वाटर ड्रॉप नॉच दी गई है। चिपसेट की बात करें तो कंपनी ने इस सिम कार्ड और मैमोरी कार्ड के लिए ट्रिपल कार्ड स्लॉट दिया है।

फोटोग्राफी के लिए इसके रियर में ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है।16 MP प्राइमेरी कैमरा वाले इस फोन में 5 MP का डेप्थ सेंसर और 8 MP वाइड एंगल सेंसर लगा है. वहीं सेल्फी के लिए यहां 8 मेगापिक्सल का कैमरा मौजूद है। Nokia 6.2 स्मार्टफोन में पॉवर का भी ध्यान रखा गया है, इसमें 3,500mAh की बैटरी है जो कि USB Type-C और 10W चार्चिंग को सपोर्ट करती है।

Android 9 Pie ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले Nokia 6.2 फोन के बैक में फिंगरप्रिंट सेंसर और बॉटम 3.5mm ऑडियो जैक भी दिया गया है. कनेक्टिविटी के लिए इसमें ब्लूटूथ 5.0 और USB टाइप-सी पोर्ट दिया गया है। बात करें अगर Nokia 6.2 की कीमत की तो कम्पनी ने यूरोप के लिए इसकी कीमत EUR 199 (लगभग 15,800 रुपये) रखी है। इसे सिरेमिक ब्लैक और आइस कलर ऑप्शन में सेल किया जाएगा।

Nokia 7.2

6.3-इंट FHD+ की ‘PureDisplay’ डिप्स्ले टेक्नोलॉजी से Nokia 7.2 में भी फ्रंट और बैक में Corning Gorilla Glass 3 की प्रोटेक्शन दी गई है. Qualcomm Snapdragon 660 SoC प्रोसेसर वाले इस फोन को भी दो वेरिएंट 4GB+64GB और 6GB+128GB में पेश किया गया है। अगर कैमरे की बात की जाये तो ये फोन बाकी फोन्स से अलग है। फोटोग्राफी के लिए यहां भी ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है।

Nokia 7.2 में 48 मेगापिक्सल का दमदार कैमरा दिया गया है जो Quad Pixel पर आधारित टेक्नोलॉजी के साथ आता है और इसमें ZEISS ऑप्टिक्स का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी के दावा है कि इसमें आपको DSLR लेवल की क्वालिटी की तस्वीर क्लिक की जा सकती है। वहीं सेल्फी के लिए इसमें 20 MP का कैमरा मौजूद है। इसकी मेमोरी को कार्ड की मदद से 512GB तक बढ़ाया जा सकता है।

इसमें भी इसमें 3,500mAh की बैटरी दी है USB Type-C और 10W चार्चिंग को सपोर्ट करती है. Nokia 6.2 की तरह Nokia 7.2 में भी Qualcomm aptX ऑडियो सपोर्ट दिया गया है. ये स्मार्टफोन भी Android 9 Pie पर रन करता है। अगर Nokia 7.2 की कीमत की बात की जाये तो कपंनी ने वहीं इसकी कीमत EUR 299 (लगभग 23,653 रुपये) रखी गई है। इसे सियान ग्रीन, चारकोल और आइस कलर ऑप्शन्स में उपलब्ध कराया जायेगा। फिलहाल भारत में इनकी उपलब्धता और कीमत के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी गई है. बताया जा रहा है कि भारत में Nokia 6.2 और Nokia 7.2 को 11 सितम्बर 2019 को लांच किया जाएगा.

Android 10 officially गूगल pixel के लिए किया गया लांच, जानिए इसके खास फीचर

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समय – समय पर एंड्राइड के नए नए version लांच होते रहते हैं, हाल ही में एंड्राइड के सबसे लेटेस्ट version Android 10 को लांच कर दिया गया है । अभी फ़िलहाल Android 10 ऑफिशियली Google Pixel फोन के लिए लांच किया गया है. बताया जा रहा है कि Google Pixel के बाद इसे OnePlus फोन के लिए भी लांच किया जायेगा । गूगल की ओर से भी कहा गया है कि कुछ पार्टनर्स के साथ मिलकर कंपनी Android 10 के साथ डिवाइसेज लॉन्च या अपग्रेड करने की तैयारी में जुटी है।

Android 10 को पिछले सभी Android वर्जन के मुकाबले ज्यादा सिक्योर और यूजर फ्रेंडली बनाया गया है। Android 10 के साथ Google ने 10 साल के उस इतिहास को बदलने का फैसला किया जिसमें कंपनी एंड्रॉयड का नाम स्वीट दिश के नाम पर रखती थी। Android 10 में कई सारे फीचर मिलने वाले हैं, हालाँकि अभी कुछ फीचर की टेस्टिंग चल रही हैं. ये फीचर बाद में यूज़र्स को मिलेंगे ।

आये जानते हैं Android 10 में ऐसा क्या खास है, जो बाकि के version में नहीं है।

डार्क थीम

एंड्राइड 10 में वाइड थार्क थीम का भी आप्शन दिया गया है। यह आखों पर जोर कम करता है और बैटरी लाइफ की बचत भी करता है। एंड्राइड के कुछ नए Virson में ये फीचर दिया गया था, लेकिन एंड्राइड 10 में इसे और भी बेहतर दिया गया है। एंड्राइड 10 के यूज़र्स सेटिंग्स > डिस्प्ले में जाकर सिस्टम वाइड डार्क थीम को एक्टिवेट कर सकते हैं। इस फीचर की खासीयत ये है कि ये यूआई को डार्क में बदलने के अलावा सपोर्ट करने वाले ऐप्स भी नए डार्क थीम को दिखाएंगे।

प्राइवेसी कंट्रोल्स

एंड्रॉयड के सारे फीचर सिक्योर होते हैं, लेकिन एंड्राइड 10 में नया प्राइवेसी सेक्शन दिया गया है। यह सेक्शन एक्टिविटी कंट्रोल्स, लोकेशन हिस्ट्री और एड सेटिंग्स जैसे विकल्प आदि के साथ आया है। इसके जरिये ऐप द्वारा डेटा एक्सेस करने पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके साथ ही इस प्राइवेसी फीचर में अनचाहे ऐप को बैकग्राउंड में लॉन्च करने पर रोक लगाने की भी सुविधा है।

लोकेशन कंट्रोल्स

एंड्रॉयड 10 इनहांस्ड लोकेशन कंट्रोल्स के साथ आता है। इसमें यूज़र्स को ऐप्स पर डिवाइस के लोकेशन को एक्सेस करने पर नियंत्रण करने का मौका मिलता है। ये फीचर और भी version में मिलता है, लेकिन एंड्राइड 10 में इसे और खास बनाया गया है.

फोकस मोड

ये फीचर नया है इसे एंड्रॉयड पाई में भी पेश किया गया था, लेकिन एंड्राइड 10 में इसे और भी कई नए फंक्शन ऐड किया गया है। नया फोकस मोड यूज़र्स को अपनी चाहत के ऐप्स को साइलेंट करने की सुविधा देता है। नए मोड के क्विक टॉगल के ज़रिए एक्टिव और इनेक्टिव किया जा सकता है।

लाइव कैपशन

लाइव कैपशन अभी तक किसी भी एंड्राइड के version में नहीं आया है। ये एंड्रॉयड 10 का सबसे रोचक फीचर है। यूट्यूब के लिए डेवलप किए गए कैपशन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल में लाते हुए लाइव कैपशन को एंड्रॉयड 10 का हिस्सा बनाया गया है। इस फीचर के जरिये एंड्राइड 10 ही ऑडियो मैसेजेज, वीडियोज, पोडकास्ट और कई अन्य ऐप्स में कैपशन लिखेगा। यह फीचर उन लोगों के बेहद ही काम का है जो म्यूट पर वीडियो देखना पसंद करते हैं और जिन्हें सुनने में दिक्कत होती है।

इनहांस्ड नोटिफिकेशन्स़

नोटिफिकेशन्स के ओवरलोड को कम करने के लिए एंड्रॉयड 10 में इनहांस्ड नोटिफिकेशन्स फीचर को पेश किया गया है। जेंटल और प्रायरिटी नोटिफिकेशन्स यूज़र्स के खास होगा। प्रायरिटी नोटिफिकेशन्स में आवाज के साथ स्टेटस बार आइकन्स आएंगे। यह लॉक स्क्रीन पर भी दिखेगा। जबकि जेंटल नोटिफिकेशन्स हमेशा साइलेंट रहेंगे।

बबल नोटिफिकेशन्स

बबल नोटिफिकेशन एंड्राइड का नया फीचर है, जिसे सिर्फ एंड्राइड 10 में ही पेश किया गया है। यह नोटिफिकेशन्स का नया स्टाइल होगा। ये फीचर यूज़र्स को आसानी से मल्टीटास्क करने का विकल्प देगा। चैट नोटिफिकेशन्स के लिए फ्लोटिंग आइकन्स स्क्रीन पर आएगा। ये आइकन्स स्क्रीन पर रहेंगे ताकि यूज़र किसी भी समय में बातचीत शुरू कर पाएंगे। यूज़र्स इन्हें स्क्रीन के किसी भी हिस्से पर ड्रैग कर पाएंगे।

जेस्चर नेविगेशन

एंड्राइड का ये फीचर बहुत ही खास होने वाला है. इस फीचर के जरिये यूज़र्स नेविगेशन बार एरिया को हटा सकते हैं। इस फीचर को पेश करने का मुख्य उद्देश्य ये है कि ऐप्स और गेम्स कंटेंट को फुल स्क्रीन पर चलाया जा सके। जेस्चर नेविगेशन फीचर के जरिये बैक, होम और रिसेंट को विजिबल बटन के बजाय एज स्वाइप के जरिए एक्सेस किया जा सकेगा। इस फीचर को सेटिंग्स> सिस्टम> जेस्चर में जाकर स्विच ऑन किया जा सकता है।

किन स्मार्टफोन को सपोर्ट करेगा एंड्राइड 10

Google Pixel के बाद Android Q को OnePlus, HTC, Redmi K20 Series, Oppo Reno, Sony Mobile केंद्रीय लांच किया जा सकता है। वैसे जिस भी स्मार्टफोन के लिए इसे लांच किया जायेगा, उसमें अपने आप नोटिफिकेशन्स आयेंगे । नहीं तो अपने फ़ोन की सेटिंग में जाएँ इसके बाद Advanced Settings में जाएं और System Update पर क्लिक करें। अगर Android 10 Update Available होगा तो अपडेट का ऑप्शन दिखाई देगा। Android 10 Update पर क्लिक करके आप इसे डाउनलोड कर इनस्टॉल सकते हैं।

जब संसद में पीएम मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए, देखें मजेदार वीडियो

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Viral Video: राजनीतिक गलियारे की जब भी बात होती है तो उसके इर्द-गिर्द केवल विवाद और आरोपों-प्रत्यारोपों की बात ही होती है। सत्तारूढ़ सरकार और विपक्ष केवल एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश में लगे रहते है। लेकिन कई बार ऐसे मौके भी आ जाते है जब कोई राजनेता अपनी बातों से विपक्ष को भी हंसने पर मजबूर कर देता है। साल 2015 के जुलाई सत्र के दौरान संसद में ऐसा ही कुछ देखने को मिला था।

साल 2015 की संसदीय कार्यवाही के दौरान एक तरफ जहाँ पूरा माहौल गर्माया हुआ था, उसी बीच सांसद हुकुम देव नारायण यादव ने अपने भाषण से सदन का माहौल पूरी तरह से बदल कर रख दिया था। उनकी मजेदार बातों का जवाब किसी विपक्ष के पास नहीं था। यहां तक की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनका भाषण सुनने के बाद अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हुकुमदेव अपने भाषण की शुरुआत मजेदार टिपण्णी के साथ करते है। जिसमे वो कहते नज़र आते है “9 महीने में बच्चा पैदा हो जाता है, लेकिन क्या वही बच्चा 9 महीने में दूसरा बच्चा पैदा कर सकता है? इस सरकार का 9 महीना हुआ। सरकार पैदा हुई…अब क्या सोचते हो?

इसके अलावा भी हुकुमदेव यादव ने कई मजेदार वाक्य कहे। बता दें कि हुकुमदेव नारायण यादव बिहार के मधुबनी से सांसद है। इससे पहले वे अटल विहारी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है।

भारत के 10 सबसे लम्बे रेलवे प्लेटफार्म

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भारतीय रेल जिसका, अपना एक इतिहास है। अपने शुरुआती दौर से लेकर अब तक भारतीय रेल ने कई बड़े इतिहास रचे हैं। ब्रिटिश शासन काल में शुरु हुई भारतीय रेल सेवा ने अब तक यात्रियों की सुविधा के अनुसार कई बड़े बदलाव किए हैं। भारत की पहली रेलगाड़ी 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चलाई गई थी तथा इस सफ़र की कुल दूरी 35 कि.मी थी।

वर्तमान समय में भारतीय रेल यातायात तथा सामान की ढुलाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारतीय रेल द्वारा यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और उनके सफर को यादगार बनाने की दिशा में समय समय पर कई सकारात्मक प्रयास किये हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्लेटफार्म सम्बन्धी सुविधाओं को भी बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, वे कौन-कौन से प्लेटफार्म हैं जो देश के सबसे लंबे प्लेटफार्मों की सूची में आते हैं? यदि नहीं तो, आइए जानते हैं-

1. गोरखपुर जंक्शन, उत्तर प्रदेश

देश के सबसे बड़े प्लेटफार्म होने का गौरव हासिल है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जंक्शन को। उत्तर भारतीय रेलवे ज़ोन में आने वाले गोरखपुर जंक्शन के इस स्टेशन की कुल लंबाई 1,366 मीटर की है जो इसे देश का सबसे लम्बा स्टेशन बनाता है। दिल्ली और बिहार के मार्ग में आने वाले इस मुख्य स्टेशन से रोज़ाना 189 ट्रेनें गुज़रती हैं।

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2. कोल्लम जंक्शन, केरल

दक्षिण भारत के राज्य केरल के कोल्लम जंक्शन रेलवे स्टेशन को भारत के दूसरे सबसे लंबे रेलवे प्लेटफार्म के रूप में जाना जाता है। इस प्लेटफार्म की लंबाई 1,180.5 मीटर की है। कोल्लम रेलवे स्टेशन से अधिकतर ट्रेनें भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई हैं, जिनमें नई दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, इंदौर, भोपाल, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, आदि शामिल हैं। यह स्टेशन उन तमाम सुविधाओं से परिपूर्ण है जो एक यात्री को सुखद यात्रा का अनुभव करवाती हैं।

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3. खड़गपुर जंक्शन, पश्चिम बंगाल

रोज़ाना क़रीबन 275 ट्रेनों की आवाजाही में व्यस्त रहने वाला खड़गपुर जंक्शन भारत का तीसरे सबसे लम्बे प्लेटफार्म वाला रेलवे स्टेशन है, जिसके प्लेटफार्म की कुल लंबाई 1072.5 मीटर है। पश्चिम बंगाल में स्थित ये जंक्शन हावड़ा से मुंबई, चेन्नई से दिल्ली और दिल्ली से भुवनेश्वर को आपस में जोड़ता है।

Attribution: Biswarup Ganguly [GFDL (http://www.gnu.org/copyleft/fdl.html), CC BY 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by/3.0), GFDL (http://www.gnu.org/copyleft/fdl.html) or CC BY 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by/3.0)]

4. बिलासपुर रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़

साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है बिलासपुर रेलवे स्टेशन, जिसके प्लेटफार्म को देश का चौथा सबसे लंबा प्लेटफार्म होने का गौरव प्राप्त है। इसके प्लेटफॉर्म की कुल लंबाई क़रीबन 802 मीटर की है। साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे ज़ोन वाला यह रेलवे स्टेशन देश के मुख्य रेलवे स्टेशनों में से एक तो है ही साथ ही ये ज़ोन रेलवे राजस्व में तक़रीबन 20% की भागीदारी देता है।

Image Source: https://st.indiarailinfo.com/kjfdsuiemjvcya22/0/6/4/5/4043645/0/img20181126wa0064119705.jpg

5. झाँसी जंक्शन, उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित उत्तर प्रदेश का शहर झाँसी जहां से पूरे देश के लिए रेलगाड़ियां एक दिशा से दूसरी दिशा में जाती हैं। 24 घण्टे रेलगाड़ियों का सफ़र यहां जारी रहता है, इंटरसिटी हब माना जाने वाला यह स्टेशन कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई और चेन्नई के शहरों को जोड़ता है। 2526 फ़ीट यानी 770 मीटर लम्बे प्लेटफ़ॉर्म होने के कारण इसे देश के पांचवे सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के रूप में जाना जाता है। साथ ही झाँसी को विश्व का सातवां सबसे लम्बा स्टेशन होने का भी गौरव हाँसिल है।

Attribution: Hiroki Ogawa [CC BY 3.0 (https://creativecommons.org/licenses/by/3.0)]

6. सोनपुर रेलवे स्टेशन, बिहार

बिहार राज्य का सोनपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को देश के छटे सबसे लम्बे प्लेटफार्म का दर्जा प्राप्त है। अगर बात सोनपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म की लंबाई की की जाए तो इसकी कुल लम्बाई 738 मीटर है। 6 प्लेटफॉर्म और फुटओवर ब्रिज वाले इस स्टेशन पर लगभग हर ट्रेन रुकती हैं। सोनपुर रेलवे स्टेशन को भारत के व्यस्ततम प्लेटफार्म में से एक माना जाता है।

Image Source: http://st.indiarailinfo.com/kjfdsuiemjvcya21/0/0/2/1/2214021/0/wp20170327135124pro3817707.jpg

7. नवद्वीप धाम रेलवे स्टेशन, पश्चिम बंगाल

वर्ष 1913 में निर्मित इस रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफार्म को देश के सातवें सबसे लंबे प्लेटफार्म के रूप में जाना जाता है। तीन प्लेटफार्म वाला नवद्वीप धाम रेलवे स्टेशन हावड़ा से 105 कि.मी दूर स्थित है। बन्देल कटवा लाइन पर बना यह स्टेशन आस पास बने दूसरे स्टेशनों से बेहतर संचार व्यवस्था से युक्त है। यहाँ बने तीन प्लेटफार्म में से एक 720 मीटर (2,362 फ़ीट) लंबा है। यहां से बिहार, ओड़िशा, कोलकाता और असम जैसे मुख्य राज्यों को जोड़ने वाली गाड़ियाँ निकलती हैं।

Attribution: শক্তিশেল [CC BY-SA 4.0 (https://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0)]

8. कोयम्बटूर सिटी रेलवे स्टेशन, तमिलनाडु

कोयम्बटूर सिटी रेलवे स्टेशन दक्षिण भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है और अपने व्यस्त नेटवर्क के कारण इसे तमिलनाडु क्षेत्र से उच्च राजस्व देने वाला रेलवे स्टेशन भी कहा जाता है। इस रेलवे स्टेशन पर स्थित प्लेटफार्म को देश का आँठवा सबसे लंबा प्लेटफार्म है, जिसकी लम्बाई 411.2 मीटर है। 16 प्लेटफार्म और 20 ट्रैकों वाला ये स्टेशन चार बड़ी लाइन्स को जोड़ता है। कोयम्बटूर से शोरनौर, कोयम्बटूर से मीतुप्लायं, कोयम्बटूर से चेन्नई और कोयम्बटूर से पोल्लाची।

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9. नागपुर जंक्शन, महाराष्ट्र

प्रतिदिन देश के अलग अलग हिस्सों के लगभग 66000 यात्रियों को संभालने वाले इस स्टेशन को नागपुर जंक्शन के नाम से जाना जाता है। 44 से अधिक ट्रेनें रोज़ यहाँ से गुजरती हैं। इस रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को देश के नौवें सबसे लंबे प्लेटफार्म के रूप में जाना जाता है, जिसकी लम्बाई 308.66 मीटर है। अपनी स्वच्छता और साफ़ सफाई के लिए यह स्टेशन देशभर में खासा मशहूर है।

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10. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली

देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, क़रीब 400 ट्रेनों की आवाजाही को रोज़ संभालना खासा मुश्किल काम है। तो वही 5 लाख यात्री रोज़ नई दिल्ली से देश के अलग अलग कोनों में जाने के लिए ट्रेन यातायात का इस्तेमाल करते हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म देश का दसवां सबसे लंबा प्लेटफार्म है, जिसकी लम्बाई 214.42 मीटर है। इस स्टेशन पर 16 प्लेटफार्म और 18 ट्रैक हैं साथ ही अपनी व्यस्तता के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पूरे देश भर में प्रसिद्ध है।

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तो ये थे भारत के 10 सबसे लम्बे प्लेटफार्म जो न केवल भारत में ही बल्कि ऐशिया के कई देशों में स्थित कई प्लेटफार्मों से लम्बाई के मामले में काफी आगे हैं।

भारत के 10 सबसे लंबे सड़क पुल

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सवा सौ करोड़ वाली जनसंख्या वाला ये देश, चौतरफा विकास की ओर बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। पिछले दो दशकों से भारत में होने वाले बुनियादी ढांचे के विकास के चलते भारत दुनिया के दूसरे देशों में अपना लोहा मनवा रहा है। अगर इसी गति से विकास होता रहा तो वो दिन दूर नहीं होगा जब भारत भी एक विकसित देश कहलाएगा।

भारत के कई राज्य मिलकर एक राष्ट्र बनाते हैं, लेकिन इन राज्यों को आपस में जोड़ने के लिए पुल अहम् भूमिका निभाते हैं, यातायात के संसाधनों से लेकर, खान-पान के सामानों तक हर चीज़ इन्हीं पुलों के माध्यम से एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुँचते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से भी इन पुलों की खासी अहमियत है, इन्ही के ज़रिए आवश्यक वस्तुएं देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंच पाती हैं।

आइए जानते हैं भारत के दस सबसे लंबे सड़क पुल कौन से हैं-

10. चहलारी घाट सेतु, उत्तरप्रदेश

देश के दस सबसे लंबे सड़क पुलों की सूची में दसवें स्थान पर नाम आता है उत्तरप्रदेश के चहलारी घाट सेतु, जो कि घागरा नदी पर बना है और बहराईच से सीतापुर को जोड़ता है। यह पुल 3,260 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौड़ा है। चहलारी सेतु उत्तरप्रदेश का सबसे लंबा पुल है। इस दो लेन वाले पुल की ख़ासियत ये है कि इसके दोनों तरफ़ पैदल पथ भी बनाया गया है ताकि पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को सहूलियत हो सके। पुल का प्रयोग सामान्य यातायात के लिए ही किया जाता है। चहलारी सेतु की देखरेख उत्तरप्रदेश स्टेट ब्रिज कॉपोरेशन लिमिटेड द्वारा की जा रही है।

9. श्री कृष्ण सेतु, बिहार

3,692 मीटर की लम्बाई और 12 मीटर की चौड़ाई के साथ ये है देश का नौवां सबसे लंबा रोड़ ब्रिज है जिसका नाम है श्री कृष्ण सेतु। मार्च 2016 में बन कर तैयार हुआ मुंगेर गंगा ब्रिज, जिसका निर्माण कार्य 2002 में शुरू हुआ था और इसे बनने में पूरे 14 साल लग गए। लेकिन इसके बन जाने के बाद स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि आस पास के ज़िलों को भी इसका लाभ मिला। बिहार के मुंगेर ज़िले में बना श्री कृष्ण सेतु मुंगेर और जमालपुर को उत्तरी बिहार के कई ज़िलों से जोड़ता है। इस ब्रिज की आधारशिला 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने रखी थी और इसका उद्घाटन 2016 में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया।

8. कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज, आंध्रप्रदेश

भारत का आठवां सबसे लंबा सड़क पुल है, कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज। 2009 में मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी ने गोदावरी फोर्थ पुल की आधारशिला रखी थी जिसका निर्माण 2015 में पूरा हुआ। कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज गोदावरी नदी पर बना हुआ भारत का आठवां सबसे लंबा पुल है। ये डुअल ब्रिज पश्चिम गोदावरी में स्थित कोव्वुर ज़िले को दीवानचेररू ज़िले से जोड़ता है। आंध्रप्रदेश में बने 4.13 किलोमीटर लम्बे इस पुल की देखरेख गैमन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा की जा रही है।

7. वीर कुँवर सिंह सेतु, बिहार

आरा-छपरा सेतु जिसे वीर कुँवर सिंह सेतु के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सातवां सबसे लंबा सड़क पुल है। गंगा नदी पर बना ये पुल बिहार के पूर्वी और दक्षिणी भाग को जोड़ता है। 4,350 मीटर की लम्बाई वाला ये पुल एक्ट्रदोसड ब्रिज डिज़ाइन द्वारा बनाया गया है। चार लेनों वाले इस पुल का निर्माण 11 जनवरी 2017 को पूरा हुआ। साथ ही यह सेतु NH 19 दौरियागंज, छपरा से NH 30 कोइलवर, आरा को जोड़ता है। 800 करोड़ की लागत से तैयार विश्व का सबसे लम्बा एक्ट्रदोसड ब्रिज है।

6. लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु, बिहार

हिंदुस्तान का छठा सबसे लंबा ब्रिज है दीघा सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु’ जो कि बिहार राज्य के पटना और सोनपुर को जोड़ता है। गंगा नदी पर बने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु की कुल लम्बाई 4,556 मीटर है और इसकी चौड़ाई तक़रीबन 10 मीटर यानी 30 फ़ीट है। K Truss वाली डिज़ाइन वाले इस पुल का निर्माण 2003 में शुरू हुआ लेकिन किन्हीं कारणों से निर्माण कार्य 2015 में रोक दिया गया लेकिन 2016 में फिर से शुरू हो गया। छह लेन वाला इस पुल का निर्माण इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा किया गया है।

5. विक्रमशिला सेतु, बिहार

पूरी तरह कंक्रीट और लोहे से बना ये है भारत का पांचवा सबसे लम्बा सड़क पुल जिसका नाम है, विक्रमशिला सेतु। यह पुल गंगा नदी पर बना हुआ है तथा बिहार के भागलपुर जिले में स्थित है। इसकी कुल लम्बाई 4,700 मीटर यानी 4.7 किलोमीटर है। दो लेन वाला यह ब्रिज NH 80 और NH 31 को आपस में जोड़ता है। विक्रमशिला सेतु पर चार पहिये वाले वाहनों और भारी वाहनों को टोल टैक्स देना पड़ता है। 2001 में बन कर तैयार हुए इस पुल की देखरेख बिहार सरकार द्वारा की जाती है।

4. बोगिबील ब्रिज, डिब्रूगढ़, असम

इसी फेहरिस्त में बात अगर चौथे सबसे लंबे रोड़ ब्रिज की की जाए तो नाम आता है, असम के डिब्रूगढ़ में हाल में बने बोगिबील ब्रिज का। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगिबील ब्रिज 4,940 मीटर यानी 4.94 किलोमीटर लम्बा है। मोटर व्हीकल और थ्री लेन वाले इस पुल के निर्माण की आधारशिला 2000 में रखी गयी और पूरे 200 महीनों बाद 2018 में बनकर तैयार हुआ। हाल ही में 25 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्धघाटन सुशासन दिवस के अवसर पर किया। यह पुल धेमाजी ज़िला और डिब्रूगढ़ ज़िले को आपस में जोड़ता है।

3. बांद्रा वर्ली सी लिंक, मुम्बई

महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित बांद्रा वर्ली सी लिंक देश का तीसरा सबसे लम्बा सड़क पुल है। माहिम खाड़ी पर बने इस पुल का आधिकारिक नाम राजीव गांधी सागर सेतु है। 8 लेन का यह पुल बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी उपनगरों को जोड़ता है। यह पुल वेस्टर्न फ्रीवे का भाग है, जो आम सड़क के रूप में ही प्रयोग किया जा रहा है। सामान्य यातायात के साधन यहां से गुजरते हैं। आधुनिक तकनीक से बना बांद्रा वर्ली सी लिंक केबल्स, कंक्रीट और स्टील से बना हुआ है। इस पुल का निर्माण सन 2000 में शुरू हुआ था और 24 मार्च 2010 में बन कर तैयार हुआ। इसके बनने के बाद लोगों को आने जाने में काफ़ी सहूलियत होने लगी, साथ ही समय भी बचने लगा। इसकी कुल लम्बाई 5.6km है।

2. महात्मा गांधी सेतु, बिहार

गंगा नदी के ऊपर बना महात्मा गांधी सेतु, जिसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा सड़क पुल होने का गौरव हासिल है। 5,750 मीटर की लंबाई वाला ये पुल बिहार के पटना ज़िले में स्थित है और ये पुल पटना से हाजीपुर को जोड़ता है। यह पुल भी सामान्य यातायात और आने जाने के लिए ही प्रयोग किया जाता है। 18,860 फ़ीट की ऊंचाई वाले इस पुल का निर्माण 1982 में हुआ जिसमें कंक्रीट और स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

1. भूपेन हजारिका सेतु, असम

देश के सबसे लंबे सड़क पुल का गौरव हासिल है, भूपेन हजारिका सेतु को, जो कि लोहित नदी पर बना हुआ है। यह पुल हिंदुस्तान का सबसे लम्बा सड़क पुल है जिसकी लम्बाई 9,150 मीटर (9.15 km) है। 2017 में बनकर तैयार हुआ ये सेतु उत्तर पूर्व राज्य असम के तिनसुकिया ज़िले में स्थित है। ढोला सादिया पुल को ही भूपेन हजारिका सेतु के नाम से जाना जाता है। यह पुल भारत के दो उत्तर पूर्वी राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ता है। यह विशाल पुल सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के साथ मिलकर बनवाया है। इसका प्रयोग सामान्यत: यातायात और यात्रा के लिए किया जाता है। इस पुल का उद्घाटन 2017 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

ये सभी पुल देश की असली ताक़त हैं, करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुए ये सभी पुल हिंदुस्तान के अलग अलग कोनों को एक दूसरे से जोड़ते हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक देश को एक करते हैं देश के ये सेतु।

वक़्त ने बदली करवट, 10 साल पहले चिदंबरम के गृहमंत्री रहते अमित शाह के पीछे थी सीबीआई

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कहते है दुनिया गोल है, समय का चक्र कब किस पर आकर रुक जाए ये कोई नहीं जानता। आम जिंदगी में इस कहावत को हकीकत में बदलते कई बार देखा गया है लेकिन जब कभी भी बात राजनीतिक गलियारे की होती है तो समय का चक्र और भी तेजी से घूमने लगता है। हाल ही में ऐसा ही एक संयोग देखने को मिला है। इस गजब के संयोग को आप बदला लेने की प्रवृति भी कह सकते है।

आज से ठीक 10 साल पहले यानी 2009 में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम जब देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन मर्डर केस के आरोप में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को गिरफ्तार किया गया था। अब 10 साल बाद वक़्त ने ऐसी करवट बदली है कि अमित शाह के गृहमंत्री रहते पी चिदंबरम को सलाखों के पीछे जाना पड़ा है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि पी चिदंबरम (P. Chidambaram) को सीबीआई के उसी मुख्यालय में ले जाया गया, जहां बतौर गृहमंत्री उन्होंने उद्धाटन किया था। अब इसे समय का चक्र ही कहा जा सकता है जिसने पूरी कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

कहानी का फ्लैशबैक

कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विपक्ष सरकार पर एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है। अगर इतिहास के पन्नो को पलटते हुए कहानी के फ्लैशबैक में जाएं तो कई साल पहले विपक्षी पार्टी के तौर पर बीजेपी भी यूपीए सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाती थी और तब गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे। लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है।

जब गिरफ्तार हुए थे अमित शाह

यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। कार्यवाही के बाद सीबीआई ने 25 जुलाई 2010 को अमित शाह की धरपकड़ की थी। अमित शाह को 3 महीनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद 30 दिसम्बर 2014 को सीबीआई कोर्ट ने उन्हें इस मामले से डिस्चार्ज कर दिया। तब भाजपा सरकार ने शाह की गिरफ्तारी के लिए यूपीए सरकार पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया था।

क्यों गिरफ्तार है चिदंबरम

पी चिदंबरम को 2007 में हुए आईएनएक्स स्कैम (INX Scam) के चलते जेल में डाल दिया गया है। ये मामला एक तरह से मनी लॉन्ड्रिंग और INX मीडिया कंपनी जुड़ा है। उस समय इस कंपनी के डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने उस समय वित्त मंत्री रहते INX मीडिया हाउस को 305 करोड़ रु. का फंड लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से मंजूरी दिलाई थी। इस मामले में चिदंबरम के बेटे को भी काफी दिन जेल में गुजारने पड़े है।

क्या है INX मीडिया केस, जिसकी वजह से चिदंबरम को जाना पड़ा जेल

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वित्त मंत्रालय एक ऐसा विभाग होता है जिसके पास देश के भविष्य को उज्जवल करने की सबसे ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी होती है। लेकिन जब इस मंत्रालय के कार्यभार को संभालने वाले मंत्री ही घोटालों में लिप्त हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश इस समय किस संकट से जूझ रहा है। भारत सरकार के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम (P. Chidambaram) अब एक ऐसे मामले में फंस चुके है जहां से बाहर आना उनके लिए इतना भी आसान नहीं रहने वाला।

हाई वोल्टेज ड्रामे और कई घंटों के लुका-छुपी के खेल के बाद आईएनएक्स मीडिया (INX Media) मामले में सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली में सीबीआई ने चिदंबरम को उनके जोरबाग स्थित घर से गिरफ्तार किया। अब पूर्व वित्त मंत्री को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि इसी दौरान पी. चिदंबरम की तरफ से जमानत याचिका भी दायर की जा सकती है।

चिदंबरम का यूं अचानक सलाखों के पीछे जाने से हर कोई काफी हैरान है। साथ ही हर कोई ये जानने के लिए भी काफी उत्सुक है कि आखिर ये आईएनएक्स स्कैम है क्या जिसने पूर्व वित्त मंत्री को अचानक रातों रात सलाखों के पीछे डलवा दिया। आइए आपको बताते है कि आखिर क्या था आईएनएक्स मीडिया स्कैम?

क्या है आईएनएक्स मीडिया स्कैम

आईएनएक्स मीडिया स्कैम (INX Media Scam) पहली बार 2007 में उजागर हुआ था। ये मामला एक तरह से मनी लॉन्ड्रिंग और INX मीडिया कंपनी से जुड़ा है। उस समय इस कंपनी के डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी थे। पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने उस समय वित्त मंत्री रहते INX मीडिया हाउस को 305 करोड़ रु. का फंड लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) से मंजूरी दिलाई थी।

इस केस में अभी तक चिदंबरम को 20 बार कोर्ट से राहत मिल चुकी थी लेकिन इस बार उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होने के कयास लगाए जा रहे है। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। वहीं 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

चिदंबरम के बेटे को भी हो चुकी है जेल

पूर्व वित्त मंत्री के अलावा सीबीआई इस मामले में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तार कर चुकी है। कार्ति चिदंबरम को 23 दिन जेल में रहना पड़ा था और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दी थी। इस स्कैम के बाद जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते है। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला अपने पिता के पद का फायदा उठाते हुए खत्म किया था।

साल 2018 में इंद्राणी मुखर्जी द्वारा दिए गए एक बयान के मुताबिक INX मीडिया को FIPB से मंजूरी दिलाने के लिए उनके और कार्ति चिदंबरम के बीच 10 लाख अमेरिकी डॉलर की एक डील हुई थी। कार्ति की गिरफ्तारी इंद्राणी द्वारा ईडी को दिये गए बयान के आधार पर हुई थी। 

अगर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रखते हैं रूचि, तो न्यूज़ एंकरिंग के क्षेत्र में बनाए अपना करियर

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भारत विश्व में आबादी के मामले में दूसरे पायदान पर आता है। ऐसे में देश की जनता तक कोई भी खबर पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लेकिन आज रेडियो, न्यूज़पेपर और टेलीविज़न के माथ्यम से हम कुछ ही समय में हर खबर आसानी से जन-जन तक पहुंचा सकते हैं। इन सभी माध्यमों में सबसे रोचक माध्यम टेलीविज़न को ही माना जाता है क्योंकि इसमें चलचित्र और आवाज़ (News Anchoring) दोनों का ताल-मेल रहता है।

देश में ज्यादातर लोग हर रोज़ समाचार देखना पसंद करते हैं। वहीं जब ये समाचार एक युवा देखता है तो कहीं न कहीं उसके मन में एंकर बनने की इक्षा जन्म लेती है। स्टूडियो में बैठा वह व्यक्ति एंकर होता है, जो आपको समाचार सुनाते हुए दिखाई देता है। अक्सर एक एंकर बनने का सपना आम व्यक्ति के लिए एक सपना ही रह जाता है, जिसका कारण है सही दिशा-निर्देशों का अभाव। अगर आप भी न्यूज़ एंकरिंग (News Anchoring) के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मन बना रहे हैं तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिल जायेंगे-

कैसे बनाएं एंकरिंग में करियर?

एक अच्छा एंकर बनने के लिए आपको अच्छे संस्थान से जर्नलिज़्म एंड मास कम्युनिकेशन का कोर्स करना जरूरी हो जाता है। इस कोर्स के लिए आपका 12वीं पास होना जरुरी है। किसी भी स्ट्रीम से जुड़े छात्र इस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इस कोर्स में आपको एंकरिंग के अलावा रेडियो, न्यूज़पेपर, कैमरा एंड प्रॉडक्शन और एडवर्टाइज़िंग जैसी सभी फील्ड के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके अलावा अगर आप अपनी ग्रैजुएशन पूरी कर चुके हैं और अब इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो टीवी एंकरिंग का डिप्लोमा कोर्स करने के बाद भी इस लाइन में प्रवेश पा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको थोड़ी अप्रोच का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।

कितनी होती है कोर्स की अवधि और फीस?

अगर आप टीवी एंकरिंग का एक साल का डिप्लोमा कोर्स किसी अच्छे संस्थान से करते हैं तो इसकी फीस लगभग 50 हज़ार रुपए साल की होती है। वहीं अगर आप तीन साल के ग्रैजुएशन कोर्स में जाना चाहते हैं तो सरकारी संस्थान में इसकी फीस 15-20 हज़ार रुपए सालाना रहती है और प्राइवेट संस्थान में इसकी फीस 1 लाख से 2.5 लाख रुपए सालाना तक होती है। ग्रैजुएशन के बाद इसके मास्टर्स कोर्स की फीस 20 हज़ार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक होती है। कई विश्वविद्यालयों में अब एक एंट्रेस टेस्ट क्लियर करने के बाद ही वे आपको इस कोर्स में प्रेवश दे देते हैं।

कैसे बनें एक अच्छा न्यूज़ एंकर?

एक अच्छा न्यूज़ एंकर (News Anchoring) बनने के लिए अच्छे संस्थान से शिक्षा और डिग्री हासिल करना ही काफी नहीं होता। इसके लिए आपके अंदर कई विशेषताओं का होना भी बेहद जरुरी है-

बोलते समय आत्मविश्वास जरुरी

एक अच्छे न्यूज़ एंकर (News Anchoring) की आवाज़ और भाषा में आत्मविश्वास का होना बहुत जरुरी है। अगर आप बिना आत्मविश्वास के अपनी बात पेश करेंगे तो सामने वाला व्यक्ति आपकी बातों पर संदेह करेगा। इसीलिए एक अच्छा न्यूज़ एंकर बनने के लिए अपनी आवाज़ में एक कड़कपन, परिपक्वता और आत्मविश्वास का होना आवश्यक है।

फिजिकल पॉजिशन करें मेंटेन

एक न्यूज़ एंकर को घंटो तक बैठना होता है। अगर आप टीवी पर कोई शो होस्ट कर रहे हैं तो आपकी बॉडी एंड फिजिकल पोजिशन का सही होना अनिवार्य है। एक आलसी और हर समय थका हुआ महूसूस करने वाला व्यक्ति कभी भी अच्छा एंकर नहीं बन सकता।

लोगों से संपर्क बनाना जरुरी

मीडिया इंडस्ट्री पूरी तरह से आपके संपर्कों पर ही आधारित है। इस फील्ड में आप जितने ज्यादा लोगों से बात करेंगे और अपने संपर्क बढ़ाएंगे, उतना जल्दी ही आप कामयाबी के शिखर को छू पाएंगे। इसलिए अगर आप न्यूज़ एंकरिंग (News Anchoring) के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मन बना रहे हैं तो अभी से लोगों से जुड़ने और संपर्क बनाने का प्रयास शुरु कर दें।

अपनी पर्सनालिटी बनाए दमदार

एक न्यूज़ एंकर का अच्छा दिखना भी बेहद जरुरी होता है। एक चैनल को प्रेज़ेंट करने का पूरा दारोमदार न्यूज़ एंकर पर होता है। करोड़ो लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उसकी पर्सनालिटी में दम होना बहुत जरुरी है।

कोर्स पूरा होने के बाद क्या करें?

जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन का कोर्स पूरा होने के बाद आपके पास एंकरिंग (News Anchoring) में करियर बनाने के कई विकल्प मौजूद रहते हैं। आइये जान लेते हैं कोर्स के बाद किस तरह से एक अच्छे एंकर तक का सफर पूरा किया जा सकता है-

अनुभव का होना जरुरी

कोर्स पूरा होने के बाद आप सीधे एक एंकर की जॉब के लिए अप्लाई नहीं कर सकते। इसके लिए आपके पास 1-2 सालों का अनुभव होना बहुत जरुरी है। अनुभव के लिए आप किसी न्यूज़ चैनल में बतौर न्यूज़ रिपोर्टर और राइटर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। थोड़े अनुभव के बाद आप एंकर के लिए ऑडिशन देकर अपना करियर बना सकते हैं।

छोटे चैनल से करें शुरुआत

बेहतर रहेगा कि आप अपने करियर की शुरुआत किसी छोटे चैनल के साथ करें। ज़ी न्यूज़ और आजतक जैसे बड़े चैनल्स में आपको आसानी से एंकरिंग का मौका नहीं मिलेगा। वहीं किसी छोटे चैनल में आप आसानी से खुद को एक्सप्लोर कर पाएंगे। यहां आपको अपनी प्रतिभा दिखाने के ज्यादा अवसर मिल पाएंगे।

फील्ड रिपोर्टर के तौर पर करे काम

एक फील्ड रिपोर्टर का काम बेहद ही मजेदार होता है। फील्ड रिपोर्टर की ड्यूटी 24 घंटे तक की हो सकती है। हालांकि उसे इतने घंटे लगातार काम नहीं करना होता। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसे आधी रात को भी खबर लेने के लिए घर से निकलना पड़ सकता है। फील्ड रिपोर्टर के तौर पर काम करने से आप टीवी पर तो आ ही जाएंगे, साथ ही हर रोज़ कुछ नया सीखने को भी मिलेगा।

खुद का वेब पोर्टल बनाएं

आज जमाना सोशल मीडिया का है। ऐसे में आप अपना खुद का वेब पोर्टल बनाकर भी अपने करियर की शुरआत कर सकते हैं। अपने पोर्टल पर रोज़ाना प्रमुख खबरों की विडियो शूट कर अपलोड करना शुरु कीजिए। साथ ही आप अपना यू-ट्यूब चैनल भी बना सकते हैं। हालांकि इसमें आपको कमाई करने में थोड़ा समय लग सकता है। वहीं आपकी विडियोज़ देखकर कुछ मीडिया संस्थान आपको सामने से भी नौकरी का ऑफर दे सकते हैं।

सालाना कमाई का आंकड़ा

मीडिया एक ऐसा क्षेत्र है जहां आप अपनी काबीलियत और हुनर के हिसाब से कमाई भी कर सकते हैं। शुरुआत में आप किसी भी चैनल के साथ जुड़ते हैं तो वहां आपको 12 से 15 हज़ार रुपए महीने के हिसाब से हायर किया जाएगा। इसके बाद सब कुछ आपकी परफॉर्मेंस और कामकाज पर निर्भर करता है। जितनी जल्दी आप अपने सीनियर्स को अपने काम से प्रभावित करेंगे, उतनी तेजी से आप अपने करियर ग्राफ का लेवल भी बढ़ा पाएंगे। बड़े चैनल के प्रमुख एंकर्स की सैलरी 2.5 लाख से 4 लाख प्रतिमाह तक की होती है। हालांकि उस लेवल पर पहुंचने के लिए आपको काफी मेहनत करनी पड़ेगी।

इसके अलावा समय-समय पर आपको कंपनी बदलते रहना भी बहुत जरुरी है। केवल एक कंपनी में बने रहने से आप इस फील्ड में तरक्की नहीं कर पाएंगे। कुछ एक्सपीरियंस हासिल करने के बाद बड़ी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई करते रहना होगा।

एंकरिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान

जंगल में मोदी | जाने कैसा रहा Man Vs Wild का यह खास एपिसोड

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विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत और इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जब विश्व स्तर पर भारत और पीएम मोदी की एक साथ बात होती है तो वो दिन इतिहास के पन्नो में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है। 12 अगस्त 2019 का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। अपने निर्णय और राष्ट्रवादी छवि को लेकर पूरे विश्व भर में चर्चा का पात्र बनने वाले नरेंद्र मोदी को नेशनल टीवी पर देखने के लिए हर कोई बेताब था।

बादलों की गरज, पक्षियों की चहक और खतरनाक जानवरों के बीच डिस्कवरी चैनल के एडवेंचर शो ‘Man Vs Wild‘ के मेजबान बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) के साथ उत्तराखंड स्थित जिम कार्बेट के जंगलों में प्रधानमंत्री मोदी का नया रूप देख कर पूरी दुनिया उनकी दीवानी हो गई। मोदी ने इस शो में जैसा साहस और जैसी सहजता दिखाई, वह किसी के लिए भी प्रेरणास्पद है। पीएम मोदी के इस अंदाज के बेयर ग्रिल्स भी कायल हो गए।

इस शो पर प्रधामंत्री मोदी ने अपने राजनीतिक सफर से हट कर अपने जीवन से जुड़े कई बड़े राज भी खोले। साथ ही उन्होंने पूरे भारत को प्रकृति के संरक्षण का संदेश भी दिया।

दुनिया के सामने पेश हुआ अनूठा भारत

भारत देश को लेकर पूरे विश्व में एक अलग नज़रिया है। हर दूसरा देश इस बात को अच्छे से जनता है कि भारत की पहचान यहां की प्रकृति है। लेकिन जिस तरह से पीएम मोदी ने भारत की तस्वीर पूरी दुनिया के सामने रखी, उसकी जितनी तारीफ करें शायद कम ही होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस शो के माध्यम से दुनियाभर को प्रकृति के प्रति भारतीय संस्कृति के विचारों से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि यहां हर जीव, पेड़-पौधे में ईश्वर का अंश माना जाता है।

180 देशों ने देखा मोदी का नया अंदाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नए और अलग अंदाज को 180 देश के लोगों ने देखा। यानी Man vs Wild का ये एपिसोड 180 देशों में प्रसारित किया गया। इस शो को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह भी देखने को मिला। छुट्टी का दिन होने और प्राइम टाइम में प्रसारण के चलते भारत में इसे बड़ी संख्या में देखा गया।

डर से अंजान दिखे मोदी

जंगली जानवरों और खराब मौसम का नाम सुन कर शायद ही कोई जंगलों में प्रवेश करने के बारे में सोचे भी। लेकिन इस शो में किसी भी समय पीएम मोदी को डर छू भी नहीं पाया। डर के बारे में मोदी ने कहा ‘मैं डर से संभलने के बारे में कुछ नहीं कह पाऊंगा, क्योंकि मुझे इसका अनुभव कभी हुआ ही नहीं। मेरा अंतर्मन सदैव शांत रहता है। जो होता है, मैं उसे सहजता से स्वीकार करता हूं।

भारत को प्रकृति से जोड़ने पर दिया जोर

आमतौर पर बेयर ग्रिल्स अपने शो में खतनाक जानवरों का सामना करते नजर आते है लेकिन इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। बेयर ग्रिल्स से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रकृति से साम्य स्थापित करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करते समय हमें सोचना चाहिए कि आज से 50 साल बाद पैदा होने वाले बच्चे हमसे क्या सवाल करेंगे। इसके अलावा मोदी ने ये भी कहा कि अगर हमें प्रकृति को बचाना है तो लोगों को खुद इसके संरक्षण के लिए आगे आना होगा।