भारत के 10 सबसे लंबे सड़क पुल

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सवा सौ करोड़ वाली जनसंख्या वाला ये देश, चौतरफा विकास की ओर बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। पिछले दो दशकों से भारत में होने वाले बुनियादी ढांचे के विकास के चलते भारत दुनिया के दूसरे देशों में अपना लोहा मनवा रहा है। अगर इसी गति से विकास होता रहा तो वो दिन दूर नहीं होगा जब भारत भी एक विकसित देश कहलाएगा।

भारत के कई राज्य मिलकर एक राष्ट्र बनाते हैं, लेकिन इन राज्यों को आपस में जोड़ने के लिए पुल अहम् भूमिका निभाते हैं, यातायात के संसाधनों से लेकर, खान-पान के सामानों तक हर चीज़ इन्हीं पुलों के माध्यम से एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुँचते हैं। आर्थिक दृष्टिकोण से भी इन पुलों की खासी अहमियत है, इन्ही के ज़रिए आवश्यक वस्तुएं देश के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंच पाती हैं।

आइए जानते हैं भारत के दस सबसे लंबे सड़क पुल कौन से हैं-

10. चहलारी घाट सेतु, उत्तरप्रदेश

देश के दस सबसे लंबे सड़क पुलों की सूची में दसवें स्थान पर नाम आता है उत्तरप्रदेश के चहलारी घाट सेतु, जो कि घागरा नदी पर बना है और बहराईच से सीतापुर को जोड़ता है। यह पुल 3,260 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौड़ा है। चहलारी सेतु उत्तरप्रदेश का सबसे लंबा पुल है। इस दो लेन वाले पुल की ख़ासियत ये है कि इसके दोनों तरफ़ पैदल पथ भी बनाया गया है ताकि पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को सहूलियत हो सके। पुल का प्रयोग सामान्य यातायात के लिए ही किया जाता है। चहलारी सेतु की देखरेख उत्तरप्रदेश स्टेट ब्रिज कॉपोरेशन लिमिटेड द्वारा की जा रही है।

9. श्री कृष्ण सेतु, बिहार

3,692 मीटर की लम्बाई और 12 मीटर की चौड़ाई के साथ ये है देश का नौवां सबसे लंबा रोड़ ब्रिज है जिसका नाम है श्री कृष्ण सेतु। मार्च 2016 में बन कर तैयार हुआ मुंगेर गंगा ब्रिज, जिसका निर्माण कार्य 2002 में शुरू हुआ था और इसे बनने में पूरे 14 साल लग गए। लेकिन इसके बन जाने के बाद स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि आस पास के ज़िलों को भी इसका लाभ मिला। बिहार के मुंगेर ज़िले में बना श्री कृष्ण सेतु मुंगेर और जमालपुर को उत्तरी बिहार के कई ज़िलों से जोड़ता है। इस ब्रिज की आधारशिला 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने रखी थी और इसका उद्घाटन 2016 में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया।

8. कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज, आंध्रप्रदेश

भारत का आठवां सबसे लंबा सड़क पुल है, कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज। 2009 में मुख्यमंत्री राजशेखर रेड्डी ने गोदावरी फोर्थ पुल की आधारशिला रखी थी जिसका निर्माण 2015 में पूरा हुआ। कोव्वुर राजयमुन्द्री फोर्थ ब्रिज गोदावरी नदी पर बना हुआ भारत का आठवां सबसे लंबा पुल है। ये डुअल ब्रिज पश्चिम गोदावरी में स्थित कोव्वुर ज़िले को दीवानचेररू ज़िले से जोड़ता है। आंध्रप्रदेश में बने 4.13 किलोमीटर लम्बे इस पुल की देखरेख गैमन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा की जा रही है।

7. वीर कुँवर सिंह सेतु, बिहार

आरा-छपरा सेतु जिसे वीर कुँवर सिंह सेतु के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सातवां सबसे लंबा सड़क पुल है। गंगा नदी पर बना ये पुल बिहार के पूर्वी और दक्षिणी भाग को जोड़ता है। 4,350 मीटर की लम्बाई वाला ये पुल एक्ट्रदोसड ब्रिज डिज़ाइन द्वारा बनाया गया है। चार लेनों वाले इस पुल का निर्माण 11 जनवरी 2017 को पूरा हुआ। साथ ही यह सेतु NH 19 दौरियागंज, छपरा से NH 30 कोइलवर, आरा को जोड़ता है। 800 करोड़ की लागत से तैयार विश्व का सबसे लम्बा एक्ट्रदोसड ब्रिज है।

6. लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु, बिहार

हिंदुस्तान का छठा सबसे लंबा ब्रिज है दीघा सोनपुर रेल-सह-सड़क पुल ‘लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु’ जो कि बिहार राज्य के पटना और सोनपुर को जोड़ता है। गंगा नदी पर बने लोकनायक जयप्रकाश नारायण सेतु की कुल लम्बाई 4,556 मीटर है और इसकी चौड़ाई तक़रीबन 10 मीटर यानी 30 फ़ीट है। K Truss वाली डिज़ाइन वाले इस पुल का निर्माण 2003 में शुरू हुआ लेकिन किन्हीं कारणों से निर्माण कार्य 2015 में रोक दिया गया लेकिन 2016 में फिर से शुरू हो गया। छह लेन वाला इस पुल का निर्माण इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा किया गया है।

5. विक्रमशिला सेतु, बिहार

पूरी तरह कंक्रीट और लोहे से बना ये है भारत का पांचवा सबसे लम्बा सड़क पुल जिसका नाम है, विक्रमशिला सेतु। यह पुल गंगा नदी पर बना हुआ है तथा बिहार के भागलपुर जिले में स्थित है। इसकी कुल लम्बाई 4,700 मीटर यानी 4.7 किलोमीटर है। दो लेन वाला यह ब्रिज NH 80 और NH 31 को आपस में जोड़ता है। विक्रमशिला सेतु पर चार पहिये वाले वाहनों और भारी वाहनों को टोल टैक्स देना पड़ता है। 2001 में बन कर तैयार हुए इस पुल की देखरेख बिहार सरकार द्वारा की जाती है।

4. बोगिबील ब्रिज, डिब्रूगढ़, असम

इसी फेहरिस्त में बात अगर चौथे सबसे लंबे रोड़ ब्रिज की की जाए तो नाम आता है, असम के डिब्रूगढ़ में हाल में बने बोगिबील ब्रिज का। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना बोगिबील ब्रिज 4,940 मीटर यानी 4.94 किलोमीटर लम्बा है। मोटर व्हीकल और थ्री लेन वाले इस पुल के निर्माण की आधारशिला 2000 में रखी गयी और पूरे 200 महीनों बाद 2018 में बनकर तैयार हुआ। हाल ही में 25 दिसंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्धघाटन सुशासन दिवस के अवसर पर किया। यह पुल धेमाजी ज़िला और डिब्रूगढ़ ज़िले को आपस में जोड़ता है।

3. बांद्रा वर्ली सी लिंक, मुम्बई

महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थित बांद्रा वर्ली सी लिंक देश का तीसरा सबसे लम्बा सड़क पुल है। माहिम खाड़ी पर बने इस पुल का आधिकारिक नाम राजीव गांधी सागर सेतु है। 8 लेन का यह पुल बांद्रा को मुम्बई के पश्चिमी और दक्षिणी उपनगरों को जोड़ता है। यह पुल वेस्टर्न फ्रीवे का भाग है, जो आम सड़क के रूप में ही प्रयोग किया जा रहा है। सामान्य यातायात के साधन यहां से गुजरते हैं। आधुनिक तकनीक से बना बांद्रा वर्ली सी लिंक केबल्स, कंक्रीट और स्टील से बना हुआ है। इस पुल का निर्माण सन 2000 में शुरू हुआ था और 24 मार्च 2010 में बन कर तैयार हुआ। इसके बनने के बाद लोगों को आने जाने में काफ़ी सहूलियत होने लगी, साथ ही समय भी बचने लगा। इसकी कुल लम्बाई 5.6km है।

2. महात्मा गांधी सेतु, बिहार

गंगा नदी के ऊपर बना महात्मा गांधी सेतु, जिसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा सड़क पुल होने का गौरव हासिल है। 5,750 मीटर की लंबाई वाला ये पुल बिहार के पटना ज़िले में स्थित है और ये पुल पटना से हाजीपुर को जोड़ता है। यह पुल भी सामान्य यातायात और आने जाने के लिए ही प्रयोग किया जाता है। 18,860 फ़ीट की ऊंचाई वाले इस पुल का निर्माण 1982 में हुआ जिसमें कंक्रीट और स्टील का इस्तेमाल हुआ है।

1. भूपेन हजारिका सेतु, असम

देश के सबसे लंबे सड़क पुल का गौरव हासिल है, भूपेन हजारिका सेतु को, जो कि लोहित नदी पर बना हुआ है। यह पुल हिंदुस्तान का सबसे लम्बा सड़क पुल है जिसकी लम्बाई 9,150 मीटर (9.15 km) है। 2017 में बनकर तैयार हुआ ये सेतु उत्तर पूर्व राज्य असम के तिनसुकिया ज़िले में स्थित है। ढोला सादिया पुल को ही भूपेन हजारिका सेतु के नाम से जाना जाता है। यह पुल भारत के दो उत्तर पूर्वी राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ता है। यह विशाल पुल सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय ने नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के साथ मिलकर बनवाया है। इसका प्रयोग सामान्यत: यातायात और यात्रा के लिए किया जाता है। इस पुल का उद्घाटन 2017 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

ये सभी पुल देश की असली ताक़त हैं, करोड़ों रुपए की लागत से तैयार हुए ये सभी पुल हिंदुस्तान के अलग अलग कोनों को एक दूसरे से जोड़ते हैं। कश्मीर से कन्याकुमारी और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक देश को एक करते हैं देश के ये सेतु।

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