मध्यप्रदेश में गायों के संरक्षण और गायों के संवर्धन के लिए गो कैबिनेट का गठन किया जाएगा। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर पर हमें बुधवार को प्राप्त हुई है। शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि प्रदेश में गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए को कैबिनेट के गठन का निर्णय लिया है। पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व गृह एवं किसान कल्याण विभाग को कैबिनेट में शामिल होंगे। वह कैबिनेट की पहली बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवंबर को दोपहर 12:00 बजे गो अभ्यारण सालरिया आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।
प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है।
पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे।
पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 18, 2020
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने भी तीन हजार गौशाला बनाने का वादा किया था। गौरक्षा के जरिए कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेला था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गौ रक्षा और योगदान करने वालों के लिए ऑनलाइन डोनेशन पोर्टल शुरू किया था जिसमें दान देने वालों को आयकर में छूट मिलने की बात भी कही थी। गायों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान को मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना नाम दिया गया था। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री कमलनाथ को सच्चा गौ भक्त बनने की सलाह दी थी। कमलनाथ ने मंत्रालय में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ गौशालाओं के मुद्दों पर बात की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 1000 गौशालाओं के निर्माण में तेजी लाने और हर साल इन्हें तय समय सीमा के अंतर्गत तैयार करने के निर्देश दिए थे।
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