भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन से संबंध पर कई प्रमुख बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पिछले साल गर्मियों में सीमा झड़प के बाद से चीन पर भरोसा बेहद कम हुआ है। जिसमें 45 साल के बाद पहली बार दोनों देशों की सीमाओं पर सैनिक मारे गए। भारत और चीन के बीच जून में उस समय तनाव चरम पर पहुंच गया था,जिस वक्त हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के बीच करीब 50 सैनिकों की मौत हो गई थी। लेकिन चीन ने अभी तक इस बात को स्वीकार नहीं किया है। दोनों ही देशों की सीमाओं पर बड़ी संख्या में सैनिक जमा किए गए हैं। वर्तमान में जैसी स्थिति सरहद पर है ऐसी कभी नहीं देखी गई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 45 सालों के बाद वास्तव में सीमा पर रक्तपात किया है और इसका जनमत और राजनीतिक रूप से बङा है। यहां तक कि चीन के साथ रिश्ते और भरोसे विश्वास की बात है इस पर बहुत बुरा असर पड़ा है। दोनों देशों में 1962 में युद्ध हुआ था और उसके बाद से लेकर अब तक लगातार चीन से संबंधों को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।
अमेरिका से रिश्तो पर भारत की विदेश मंत्री ने कहा यूएस के साथ रिश्ते में उछाल हैं और वे वाइडन प्रशासन में इसकी दिशा को लेकर आश्वस्त हैं । जब मैं हमारी चुनौतियों की ओर देखता हूं, अमेरिका भागीदारों के लिए बहुत अधिक खुला है और मैं बहुत आश्वस्त हूं कि हमारे रिश्ते कहां जा रहे हैं… संरचनात्मक रूप से अमेरिका के साथ संबंध बहुत अच्छा है। इसमें बहुत ही अनेक हो तत्व है राजनीतिक नजदीकी बढ़ती सुरक्षा और लक्षण निकटता है।