अपनी बायोपिक के लिए ‘मिल्खा सिंह’ ने डायरेक्टर से मांगा था एक रूपये का नोट, पूरी नहीं हो पाई अंतिम इच्छा

मिल्खा सिंह का कोरोना के कारण बीती रात 91 साल की उम्र में निधन हो गया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शोक की लहर उठ गई है। महान धावक को आज प्रधानमंत्री मोदी समेत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना के कारण बीती रात 91 साल की उम्र में निधन हो गया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर शोक की लहर उठ गई है। महान धावक को आज प्रधानमंत्री मोदी समेत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की है। बता दें महान धावक की जिंदगी से प्रेरित होकर बॉलीवुड में ‘भाग मिल्खा भाग’ नाम की फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें अभिनेता फरहान अख्तर और अभिनेत्री सोनम कपूर ने काम किया था। बता दें यह फिल्म मिल्खा सिंह की बेटी सोनिया सांवलका द्वारा लिखी किताब ‘रेस ऑफ माई लाइफ’ से प्रभावित थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब मिल्खा सिंह की बेटी की किताब प्रकाशित हुई थी, तब डायरेक्टर ओमप्रकाश मेहरा ने इस पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया और वह इसके लिए सबसे पहले महान धावक से मिलने उनके घर गए थे। डायरेक्टर ने जब मिल्खा सिंह से फिल्म बनाने की इजाजत मांगी तो महान धावक ने ऐसी शर्त रख दी, जिसे सुनकर खुद डायरेक्टर साहब भी काफी हैरान रह गए। दरअसल जहां कोई भी सेलिब्रिटी अपने ऊपर बन रही फिल्म के लिए करोड़ों रुपये चार्ज करता है, वहीं मिल्खा सिंह ने साफ कहा कि उन्हें फिल्ममेकर से सिर्फ एक रुपये का नोट चाहिए।

दरअसल ये कोई मामूली नोट नहीं था, ये एक रुपये का नोट साल 1958 का था, जब मिल्खा ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार स्वतंत्र भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। एक रुपये का यह नोट पाकर मिल्खा भावुक हो गए थे। इसके साथ ही उनकी उदारता और देश के प्रति प्रेम को देखकर खुद डायरेक्टर मेहरा हैरान हो गए थे। हालांकि मिल्खा सिंह के जीवन पर बनी फिल्म सुपर हिट हुई थी, लेकिन उसके प्रमोशन के दौरान महान धावक ने अपनी एक इच्छा के बारे में बताते हुए कहा था कि, ‘रोम ओलंपिक में जो स्वर्ण पदक मेरे हाथ से फिसल गया था, दुनिया छोड़ने से पहले उसे अपने देश में देखना चाहता हूं। यही मेरी आखिरी इच्छा है।’ लेकिन देश के महान धावक की ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

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