UP धर्मांतरण मामले में इंजीनियर, डॉक्टर, व पीएचडी होल्डर तक शामिल

धर्मांतरण मामले की लिस्ट सामने आई तो इसमें कई डॉक्टर, इंजीनियर और पीएचडी होल्डर तक शामिल है।

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यूपी के नोएडा में सामूहिक धर्मांतरण की आंच अब पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) आ पहुंची है। 1000 हिंदुओ के धर्मांतरण मामले में वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के कमौली के अमित कुमार मौर्या नामक युवक भी सामने आया है। यूपी एटीएस (UPATS) से मिली जानकारी के बाद वाराणसी पुलिस ने युवक के घर पहुंचकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

धर्मांतरण का ब्यौरा भी सामने आ गया है। 7 दिन के रिमांड पर लिए गए इस्लामिक दावा सेंटर से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर कासमी द्वारा बीते डेढ़ साल में करवाए गए, धर्मांतरण के 81 पन्ने का विवरण सामने आया है।

मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दस्तखत से 7 जनवरी 2020 से 12 मई 2021 के बीच 33 लोगों का धर्मांतरण करवाया गया है। जिनमें 18 महिलाएं और 15 पुरुष शामिल हैं। वहीं राज्यों की बात करें तो सर्वाधिक धर्मांतरण दिल्ली से 14, उत्तर प्रदेश से 9, बिहार से 3, एमपी से 2 और गुजरात, महाराष्ट्र, असम, झारखंड और केरल से 1-1 व्यक्ति ने इस दौरान धर्मांतरण कर इस्लाम स्वीकार किया है।

जिन 33 लोगों के धर्मांतरण का ब्यौरा सामने आया है, उनमें सिर्फ एक व्यक्ति जो यूपी में बुलंदशहर के खुर्जा का रहने वाला, सबसे कम पढ़ा लिखा छठवीं पास था, जिसने हाल ही में 8 जून 2021 को 28 साल की उम्र में धर्मांतरण किया है। जिन 33 लोगों का धर्मांतरण का अब तक ब्यौरा सामने आया उसमें ज्यादातर पढ़े लिखे शामिल है।

धर्म बदलने वालों में सरकारी नौकरी करने वाले, बीटेक तक पढ़ाई कर चुका शिक्षक, एमबीए पास कर नौकरी कर रहा युवक, सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर, दिल्ली के अस्पताल की स्टाफ नर्स, गुजरात का एमबीबीएस डॉक्टर, इलेक्ट्रिकल्स में डिप्लोमा होल्डर, एमफार्मा, MCA, पीएचडी कर चुके युवा शामिल हैं। सभी ने इस्लामिक दावा सेंटर के निर्धारित धर्मांतरण के फार्म के साथ एक एफिडेविट भी लगा कर दिया है जिसमें वो लिखित तौर पर कह रहे हैं कि वह बिना किसी लालच भय के अपना मूल धर्म छोड़कर इस्लाम स्वीकार करते हैं।

काजी मुफ़्ती जहांगीर कासमी के द्वारा इस्लामिक दावा सेंटर में करवाया गया आखिरी धर्मांतरण 12 जून 2021 को हुआ था। जिसके 7 दिनों बाद ही यूपी एटीएस ने जहांगीर कासमी को गिरफ्तार कर लिया। वही दूसरी तरफ यूपी एटीएस ने दोनों ही आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। पहले दिन हुई पूछताछ में धर्मांतरण में अन्य संस्थाओं के कनेक्शन, इन संस्थाओं का इस्लामिक दावा सेंटर से कनेक्शन, उमर गौतम व जहांगीर कासमी इन संस्थाओं से कैसे जुड़े, जैसे सवाल किए गए।

पहले दिन की पूछताछ के बाद माना जा रहा है कि यूपी एटीएस अपनी इस पूछताछ में मनी ट्रेल को समझने के लिए इनकम टैक्स के अधिकारियों की भी मदद ले सकती है। पूछताछ में एटीएस के ही कुछ जानकार अफसर विदेशी फंडिंग पर अलग से पूछताछ करेंगे।

दोनों ही आरोपियों से पूछताछ के लिए एटीएस ने चार टीमें बनाई हैं। एक टीम देश के अंदर विभिन्न राज्यों में फैले उनके नेटवर्क पर, दूसरी टीम उत्तर प्रदेश के नेटवर्क पर, तीसरी टीम उनके विदेशी फंडिंग पर और चौथी टीम संपर्क में आए लोगों के आईएसआई कनेक्शन पर पूछताछ करेगी।

दोषियों पर लगेगा NSA और जप्त होगी संपत्ति

सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि दोषियों पर नेशनल सिक्युरिटी एक्ट (NSA) लगाया जाए, साथ ही गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जाए। जो भी धर्मांतरण मामले में आरोपी हैं उनकी संपत्ति जब्त करने का भी निर्देश दिया गया है।

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