भारत के यदि किसी भी चुनाव को देखा जाये तो वहाँ प्रत्याशियों के द्वारा चुनाव में खर्च की राशि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित राशि से सदैव ज्यादा होती है। इसी बीच बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की खर्च सीमा तय कर दी है। चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी प्रत्याशी दस हजार रुपये नकद और 28 लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकता है। गया और पटना एयरपोर्ट पर इनकम टैक्स की एयर इंटेलिजेंस यूनिट तैनात होगी। इस संबंध में चुनाव आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं।
चूँकि इस समय कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव कराने में बहुत सारी समस्याएं आने की संभावनाएं है। ऐसे में बिहार में चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने बहुत सारे निर्देशों को जारी किया है। ये बताया जा रहा है जो मतदाता एक बार कोरोना संक्रमित हो जायेगा उसे अपना नाम एक सूची में लिखवाना होगा। जिससे चुनाव आयोग को इसकी जानकारी रहे। और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इससे पहले चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कई राजनीतिक दलों का सिंबल बदल दिया है। चुनाव आयोग ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी को अब कैची चुनाव चिन्ह जारी किया है। वहीं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को कड़ाही का सिंबल दिया गया है। बता दें कि पहले जन अधिकार पार्टी का चुनावी सिंबल हॉकी था और जीतन राम मांझी की पार्टी का सिंबल टेलीफोन था।