किसानों के मामले पर लगातार केंद्र सरकार घिरती जा रही है। कभी उनके समर्थन में वोट देने वाली पार्टियां भी आज उनके खिलाफ खड़ी दिखाई दे रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है कल केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दिया और भाजपा के सहयोगी दल रहे अकाली दल ने भी इस विधेयक का विरोध किया। आम आदमी पार्टी ने भी यह ऐलान कर दिया है कि उसके द्वारा लोकसभा में और राज्यसभा में उन तीनों विधेयकों का विरोध किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी संसद में इनका विरोध करेगी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने भी इन तीनों विधेयकों का विरोध किया है। गुरुवार को संसद में पेश किए गए तीन बिलों पर मायावती ने केन्द्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि संसद में किसानों से जुड़े बिल गुरुवार को जो पास किए गए हैं उनसे बसपा कतई भी सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान क्या चाहता है इस ओर केन्द्र सरकार ध्यान दे तो बेहतर होगा।
इसके अलावा कई महीनों से शांत चल रहे कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी अब बोल उठे हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, “सरकारें तमाम उम्र यही भूल करते हैं, धूल उनके चेहरे पर है आईना साफ करते हैं!…”
दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “किसान भारत की आत्मा है। शरीर के घाव ठीक हो सकते हैं। लेकिन आत्मा के नहीं। हमारे अस्तित्व पर हमला बर्दाश्त नहीं है। युद्ध का बिगुल बजाते हुए क्रांति को जीते रहो। पंजाब, पंजाबी और हर पंजाबी किसान के साथ है। ”
ਕਿਸਾਨੀ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਰੂਹ,
ਸਰੀਰ ਦੇ ਘਾਓ ਭਰ ਜਾਂਦੇ ਹਨ,
ਪਰ ਆਤਮਾ 'ਤੇ ਵਾਰ,
ਸਾਡੇ ਅਸਤਿਤਵ ਉੱਤੇ ਹਮਲਾ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ।
ਜੰਗ ਦੀ ਤੂਤੀ ਬੋਲਦੀ ਹੈ – ਇੰਕਲਾਬ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ,
ਪੰਜਾਬ, ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਤੇ ਹਰ ਪੰਜਾਬੀ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੇ ਨਾਲ।
2/2 pic.twitter.com/7QPDmFbEC0— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 18, 2020