कोरोना की लहर के कारण देश भर माहौल बदलता दिखाई दे रहा है। काफी मुश्किलों के कारण देश की व्यवस्थाएं पटरी पर आ पाई थी लेकिन अब कोरोना की दूसरी लहर दोबारा से देश को बंद कराने की व्यवस्था रच रही है। हालांकि कोरोना संक्रमण कम जनसंख्या वाले प्रदेशों में भी फैल रहा है परंतु इसका सबसे ज्यादा असर उन राज्यों पर देखा जा रहा है जिनमें देश की बड़ी आबादी निवास करती है। शनिवार शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह बात साफ कर दी थी कि प्रदेश में संक्रमण को रोकने के लिए 1 सप्ताह का लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। 15 से 20 अप्रैल के बीच कोरोना के मामले सबसे ज्यादा मामले बढ़ सकते हैं, इसीलिए से बचने के लिए लॉकडाउन का ऐलान अगले कुछ दिनों में किया जाएगा।
इस संक्रमण का असर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है। केवल कुछ समय के लिए ही अभी कुछ मंदिर खोले गए थे लेकिन अब इस संक्रमण के कारण दोबारा इन मंदिरों पर ताला लटका या जा रहा है। बढ़ते हुए मामलों के कारण गुजरात के सोमनाथ मंदिर को बंद कर दिया गया है। बढ़ते संक्रमण के मामलों के कारण सभी बड़े राज्यों से मजदूर दोबारा अपने घरों को लौट रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि आने वाले कुछ समय में कोरोना के कारण हमारे प्रदेश में लॉकडाउन लग सकता है, इसीलिए हम अपने घर लौट रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि हम जिन दुकानों या जिन संस्थानों में काम कर रहे हैं उनके मालिकों ने कह दिया है कि आप लोग अब अपने घर लौट जाइए क्योंकि हालात पिछली बार की तरह होने वाले हैं।
दिल्ली और मुंबई से लौटने वाली ट्रेने इस समय खचाखच भरी हुई नजर आ रही हैं। लॉक डाउन का ऐलान ना हो जाए इसी कारण मजदूर लाखों की संख्या में एक बार फिर अपने प्रदेशों की ओर पलायन करने को मजबूर हो चुके हैं। कोरोना की बेकाबू रफ्तार से इस समय दिल्ली और महाराष्ट्र प्रमुख रूप से संक्रमित हो रहे हैं। कई राज्यों की एंट्री पर ही कोविड-19 के टेस्ट की रिपोर्ट मांगी जा रही है।