दिल्ली दंगों में न जाने कितने बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। करोड़ों की सम्पत्ति भी दंगे में जलकर राख़ हो गयी थी। इस मामले की जाँच करने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल सेल गठित की है जो लगातार दंगे के आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इसी श्रृंखला में स्पेशल सेल के द्वारा अब DU के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद से पूछताछ की गयी है।
अपूर्वानंद ने C.A.A और N.R.C. के विरोध में बयान दिए थे और पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने अपूर्वानंद का मोबाइल भी जब्त कर लिया है। इस मामले में प्रोफेसर अपूर्वानंद का कहना है कि यह बेहद हैरान करने वाला मामला है कि किसी प्रोटेस्ट को सपोर्ट करने वाले को पुलिस दंगों में शामिल समझ रही है। अपूर्वानंद का यह भी कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि पुलिस निष्पक्ष होकर इस मामले की जांच करेगी।
इससे पहले दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद का मोबाइल भी जब्त कर लिया गया था। उमर खालिद का नाम दिल्ली दंगों की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की जांच में भी सामने आया था। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली दंगों को लेकर दायर चार्जशीट में बात कही थी कि उमर खालिद, खालिद सैफी और ताहिर हुसैन की दिल्ली दंगों को लेकर मुलाक़ात हुई थी। इससे पहले दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन से भी पुलिस ने पूछताछ की थी जिसमें ताहिर हुसैन ने अपना जुर्म कुबूल किया था।
अपने कुबूलनामे में ताहिर ने पुलिस को बताया कि योजना के तहत उसे बोतल, पेट्रोल, तेजाब और पत्थर एकत्रित करके अपनी छत पर रखने की जिम्मेदारी मिली थी। जबकि खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा करके प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया था और उसी ने अपने मित्र इशरत जहां से मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू कराया था।