उत्तराखंड में आयी आपदा, गलेशियर टूटने से धोली नदी का जलस्तर बड़ा, पावर प्रोजेक्ट के 150 मजदूर लापता

उत्तराखंड में सुबह करीब 10:30 बजे एक बड़ा हादसा हुआ है। राज्य के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूट कर ऋषि गंगा नदी में जा गिरा इससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कई मीडिया रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि अब तक इसमें 15 से 20 मजदूर लापता हो चुके हैं और 16 लोगों को बचाया जा चुका है।

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उत्तराखंड में सुबह 10:30 बजे एक बड़ा हादसा हुआ जिसने उत्तराखंड को एक बार फिर केदारनाथ में हुई भीषण तबाही की याद दिला दी। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषि गंगा में गिर गया जिसके कारण नदी का स्तर बढ़ा और बाढ़ की आशंका तेज होने लगी। जहां पर यह हादसा हुआ है वहां पर ऋषि गंगा प्रोजेक्ट कार्य चल रहा है जिसमें लगभग 150 मजदूरों की जान जाने की आशंका बताई जा रही है तथा 15 से 20 मजदूर अभी भी लापता है। हादसे के बाद एनडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर बर्ताव कर रहे हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मरने वाले लोगों के परिवार को 400000 लाख की मदद देने का ऐलान किया है। इसके अलावा मारे गए लोगों के परिवार को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड की ओर से भी 200000 लाख दिए जाएंगे और घायलों की मदद के लिए 50000 लाख दी जाएंगे।

ग्लेशियर टूटने से धौली नदी में विकराल रूप ले लिया देखते ही देखते नदी के रास्ते में आने वाले हर अवरोध को नदी में पार्टनर शुरू कर दिया। ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट तक पहुंचते-पहुंचते नदी काफी विकराल हुई और पूरे बांध को बहाकर ले गई। इस समय जितनी भी मशीनरी वहां मौजूद थे उन सभी को नदी ने अपने आगोश में ले लिया। अब तक इस पूरी घटना में 10 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, सुरंग से 16 मजदूरों को बचाया गया है।SDRF, NDRF, ITBP के अलाबा आर्मी ने भी अपने 600 जवान चमेली भेजे हैं। उत्तराखंड में हुई इस तबाही के कारण उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे बसे शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है जिसमें बिजनौर,कन्नौज,फतेहगढ, प्रयागराज,कानपुर,मिर्जापुर गढ़मुक्तेश्वर,गाजीपुर और वाराणसी जैसे कई जिले शामिल है।

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