आपको बता दे की 25 मई को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया गया था। जिसमे फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मोंटेनियर ने कहा था कि कोरोना का टीका लगवाने वालों की दो साल में मौत हो जाएगी। इस दावे का खंडन किया गया है। जहां एक तरफ लोगो में डर का भय बना हुआ है। वहीं लगातार हमारी सरकार जल्द से जल्द लोगो को राहत पहुंचाने का कार्य कर रही है लेकिन वहीं कुछ ऐसे लोग है जो लगातार आम जनमानस में भय और डर का माहौल पैदा करने में लगे है।
इस कोरोना की लड़ाई में जो सबसे कारगर रहा है वो है वेक्सिनेशन। जितना जल्दी हमारे देश की जनता को वेक्सिनेशन किया जाएगा। उतनी ही जल्दी हम सब इस कोरोना की लड़ाई पर काबू पा सकते है। लेकिन वहीं कुछ लोग है जो वैक्सीन के बारे में भी भ्रामक खबर फैला रहे है। 25 मई को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया जाता है जहां वैक्सीन को जानलेवा बताया जाता है। फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मोंटेनियर ने बताया कि अगर आप वैक्सीन लगवाते है तो दो साल के अंदर आपकी मृत्यु हो जाएगी।
सरकार ने इस पोस्ट में कथित दावे का स्क्रीनशॉट लगाया था। साथ ही, लिखा था, ‘फ्रांस के नोबेल प्राइज विजेता ल्यूक मोंटेनियर के हवाले से एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना का टीका लगवाने के दो साल बाद संबंधित व्यक्ति की मौत हो जाएगी। तस्वीर में किया गया दावा झूठा है। कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इस संदेश को नजरअंदाज करें।’
जानकारी के मुताबिक, पीआईबी के इस फैक्ट चेक को फेसबुक और इंस्टाग्राम ने एक दिन बाद बिना किसी स्पष्टीकरण के हटा दिया और साथ ही साथ पीआईबी ने फेसबुक को चेतावनी भी दी है कि इस तरह की भ्रामक और झूठी खबर ना फैलाए। इस मामले में पीआईबी के अधिकारियों ने आईटी मिनिस्ट्री से संपर्क किया तो फेसबुक और इंस्टाग्राम के अधिकारियों को ईमेल भेजा गया। इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए फेसबुक के प्रवक्ता ने बताया गलती से इस पोस्ट को कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया गया था, लेकिन बाद में इसे बहाल कर दिया गया।