मंगलवार को विधानसभा के पास महाराजगंज निवासी एक महिला ने आत्मदाह कर लिया था, बुधवार शाम को जिसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मृत महिला का नाम अंजली बताया जा रहा है। घटना के तुरंत बाद महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर सीएमएस डॉ एसके नंदा ने महिला के 90% जलने की बात कहते हुए उसकी हालत को बेहद नाजुक बताया था। अब इस पूरे मामले में पूर्व राज्यपाल सुखदेव प्रसाद के बेटे आलोक को हिरासत में लिया गया है और महाराजगंज की पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। सुखदेव प्रसाद का बेटा मूल रूप से महाराजगंज का ही रहने वाला है। यहां गोमती नगर में रहता है उसे लखनऊ में ही पूछताछ हो रही है पुलिस छानबीन यह बात सामने आई है कि सुखदेव प्रसाद के बेटे समेत कुछ अन्य लोगों से महिला घटना से पहले संबंधित थी और उन्हीं लोगों के आने पर महिला ने इस घटना को अंजाम दिया था। ऐसे में लोगों की गिरफ्तारी भी संभव है।
डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने बताया है कि जो लोग महिला से पूर्व संपर्क में थे और घटना की उन्हें पहले से जानकारी थी। ऐसे सभी लोगों से पूछताछ हो रही है ऐसे लोगों पर मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई भी की जा सकती है। गौरतलब है कि विधानसभा के बाहर मंगलवार को महिला ने खुद पर केरोसिन डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया था। तब वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों ने कपड़े से आग को बुझाया था और महिला को अस्पताल पहुंचाया था जहां पर उसकी मृत्यु हो गई।
यह बताया जा रहा है मूल रूप से छत्तीसगढ़ निवासी अंजलि तिवारी ने 2 वर्ष पहले धुंधली थाना क्षेत्र के पचरुखिया निवासी अखिलेश तिवारी से शादी की थी। इस दौरान दोनों में विवाद हुआ और अंजलि अलग रहने लगी। इसके बाद अंजलि ने आसिफ से निकाह कर लिया अंजलि ने अपना धर्म परिवर्तन कराकर नाम भी आयशा कर लिया। बाद में उसका पति आसिफ सऊदी अरब भाग गया। अंजलि ने इस मामले की शिकायत महाराजगंज पुलिस से की। किंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। 10 अक्टूबर को आत्मदाह की बात को लेकर उसने महाराजगंज पुलिस को नोटिस दिया था। उसकी तलाश में महिला ऐसो मनीषा सिंह को लखनऊ भेजा गया। इंस्पेक्टर हजरतगंज अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि महिला S.O. ने घटना से 15 मिनट पहले ही उससे संपर्क किया था। पुलिस को तुरंत एलर्ट कर दिया गया था। लेकिन फिर भी अंजलि ने खुद को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद महाराजगंज पुलिस की घोर लापरवाही सामने आ रही है, यह माना जा रहा है कि लखनऊ पुलिस यदि संपर्क किया जाता तो अंजली की जान बचाई जा सकती थी।