आंदोलन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों के खिलाफ हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते अब अगर किसी ने भी हरियाणा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो हर संपत्ति का भुगतान भी उसी से किया जाएगा। साथ ही हर्जाना राशि नहीं दिए जाने पर उसकी संपत्ति कुर्क की जा सकेगी। हरियाणा सरकार ने ये घोषणा बजट सत्र के दौरान की जहां क्षति वसूली विधेयक को पूर्ण बहुमत के साथ राज्य में लागू किया गया। ऐसा माना जा सकता है किसानों द्वारा लगातार प्रदर्शन को उग्र करने की धमकी मिलने के बाद खट्टर सरकार ने ये फैसला लिया।
इस बिल को लागू करने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने किसानों के आंदोलन और उनके हक को छीनने के लिए इस कानून को लागू किया गया है। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस के इस आरोप का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि विधेयक लाने का निर्णय केंद्र में लागू कानून को लेकर किसानों के आंदोलन से जुड़ा है। हरियाणा के गृह मंत्री ने साफ कर दिया है कि ये कानून उन उपद्रवियों के लिए है जो प्रदर्शन को ढाल बनाकर दुकानों को जलाते हैं और विरोध प्रदर्शन के दौरान अन्य सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।