देश की राजधानी दिल्ली में 6 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है। केजरीवाल सरकार के इस निर्णय के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि सभी प्रदेश धीरे-धीरे अपने प्रदेशों में लॉकडाउन का ऐलान कर सकते हैं। इसी लॉकडाउन के कारण दिल्ली से भारी संख्या में मजदूर अपने घरों को लौटने लगे हैं केजरीवाल की अपील से भी मजदूर अब रुकेंगे नहीं। इसी बीच ऐसे विचार किए जा रहे थे कि गुजरात में संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा देना चाहिए। लेकिन गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने इन सभी बातों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। नितिन पटेल ने कहा है कि एक्सपर्ट की राय है कि पूरी तरह से लॉक डाउन के फैसले से सोना की चैन एक दम खत्म नहीं होगी। इसकी बजाय लाखों लोग अपनी नौकरी गंवा देंगे।
नितिन पटेल ने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि लॉकडाउन लगना चाहिए। वहीं एक तबके का कहना है कि फेस मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजेशन आदि के जरिए इस संकट को दूर रखा जा सकता है। यदि इस तरीके से कोरोना से निपट लिया जाए तो फिर देश में लॉकडाउन लगाने की जरूरत ही नहीं है।
नितिन पटेल ने कहा कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन एक अच्छा उपाय हो सकता है, लेकिन इससे लाखों लोगों की नौकरियां भी जा सकती हैं। कई राज्यों के आंकड़ों से साफ है कि लॉकडाउन या फिर शटडाउन किए जाने के बाद भी कोरोना को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है। कई देशों से भी यह बात सामने आई है।
नितिन पटेल ने कहा कि इस बात की भी गारंटी नहीं है कि लॉकडाउन से कोरोना की चेन टूटती ही है हमने देखा है कि देश के कई राज्यों और कई देशों में कोरोना का संक्रमण पाबंदियों के बाद भी तेजी से बढ़ा है। दूसरी लहर में देश के कई राज्यों में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ा है। भले ही केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन आंशिक लॉकडाउन से इसमें कोई लाभ नहीं होगा। इसके अलावा पूरी तरह लॉकडाउन की बात करें तो इसे लेकर भी एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। ऐसे में इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है।