पंजाब में अकाली दल के अलग होने के बाद भारतीय जनता पार्टी का अस्तित्व खतरे में आ चुका है। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के पास ना तो कोई ईमानदार और कर्मठ चेहरा है और ना ही पार्टी के पास ऐसे मुद्दे हैं जिन से बीजेपी को मजबूत किया जा सके। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी तकरार के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनका इस्तीफा ले लिया गया और अब वे कांग्रेस से अपने अपमान का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो चुके हैं। इस मामले को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अमरिंदर सिंह ने कहा कि शाह के साथ उनकी करीब 45 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान उन्होंने आग्रह किया कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करके और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देकर पिछले 10 महीनों से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे का समाधान किया जाए। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पंजाब में दलित समुदाय के एक व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाना कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है और शाह का निवास दलित विरोधी राजनीति का केंद्र बन गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद सिंह मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे।
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शाह से मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, ”केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर चर्चा की और उनसे आग्रह किया कि कानूनों को निरस्त करके, एमएसपी की गारंटी देकर तथा पंजाब में फसल विविधिकरण को सहयोग देकर इस संकट का तत्काल समाधान किया जाए।” इस बैठक के बाद लगाता जी कयास लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं।और कैप्टन के बीजेपी में आने के बाद पंजाब में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार बढ़ सकता है।
कांग्रेस के दिग्गज नेता ने अपने कट्टर विरोधी नवजोत सिंह सिद्धू पर भी तीखा हमला किया था, जिन्हें पिछले दिनों पार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सिद्धू ने मंगलवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि मेरे पास अभी बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारत के गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात निश्चित रूप से पंजाब विधानसभा चुनाव में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। निकट भविष्य में अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के संदर्भ में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।