कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रेस के सामने बयान दिया था कि जब तक जम्मू कश्मीर का झंडा बहाल नहीं हो जाता, तब तक ना तो वह तिरंगा फहराएंगी और ना ही तिरंगा उठाएंगी। उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि जब तक कश्मीर में धारा 370 दोबारा लागू नहीं होती, तब तक वह चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा के इस बयान के बाद पूरे देश में हंगामा हुआ और महबूबा के इस बयान ने देश भक्तों तथा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बेहद निराश किया है। महबूबा के बयान के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को श्रीनगर से बाहर तक तिरंगा यात्रा निकाली।
वहीं कुपवाड़ा में भाजपा कार्यकर्ता श्रीनगर के मशहूर लाल चौक पहुंचे और तिरंगा फहराने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी ने महबूबा मुक्ति के इस बयान को देशद्रोही बताया है। भाजपा ने कहा, ” धरती की कोई ताकत वहां वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद धारा 370 को वापस नहीं ला सकती। ” प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा मैं उप राज्यपाल महोदय से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के इस देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं तथा पुलिस के बीच झड़प हुई और पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन ने राष्ट्रीय ध्वज पर विवादित टिप्पणी को लेकर महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जम्मू कश्मीर में पीडीपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन का दूसरा दिन था। जम्मू कश्मीर में पीडीपी के दफ्तर पर कुछ युवाओं ने तिरंगा भी फेहरा दिया था। इस दौरान महबूबा के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। जिन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है उसमें भाजपा प्रवक्ता अमीर बशारत और अख्तर खान शामिल हैं। उनका कहना है लाल चौक में तिरंगा फहराने के पीछे उनका मकसद गुपकर डिक्लेरेशन फॉर प्यूपल्स अलायंस में शामिल डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला समेत गठबंधन के सभी सदस्यों को यह संदेश देना है कि कश्मीर में केवल तिरंगा फहराया जाएगा।