वैसे देश की कई प्रदेश सरकारें और कई पार्टियां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मुकदमों को वापस करने का आरोप लगाती हैं। उन पार्टियों का कहना है कि यूपी की भाजपा सरकार अपने नेताओं पर से मुकदमे वापस लेती है। हालांकि प्रदेश सरकार के द्वारा कोरोना काल में व्यापारियों पर किए गए मुकदमे भी वापस लिए गए हैं। लेकिन अब खबर आ रही है कि केरल में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश और संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में (अहिंसक) प्रदर्शन करने पर दर्ज किए गए सभी मुकदमों को वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रदर्शन के दौरान ऐसे मामले जो गंभीर आपराधिक प्रकृति के नहीं थे उन्हें वापस लेने के लिए राज्य सरकार ने इस साल फरवरी में आवश्यक कार्रवाई का आदेश जारी किया था।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
उन्होंने सदन में कहा कि राज्य के डीजीपी ने जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को अपने-अपने क्षेत्रों में दर्ज ऐसे प्रत्येक मामलों और उनकी वर्तमान स्थिति देखने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि ऐसे मामलों से संबंधित सूचना जुटाने और उसकी स्थिति जांचने के लिए अपराध शाखा के महानिरीक्षक, विशेष प्रकोष्ठ के अधीक्षकों और राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो की एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि हर मामले की अलग से समीक्षा की जाएगी और सीआरपीसी की धारा 321 के तहत कोर्ट के आदेश के बाद उसे वापस लेने की अनुमति होगी।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि सीएए प्रदर्शन के दौरान दर्ज 836 मामलों में मात्र 13 वापस लिए गए। सबरीमाला को लेकर हुए प्रदर्शन में 2636 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2016 और सितंबर 2021 के मध्य दर्ज 5326 मामले वापस लिए, लेकिन वे सीएए अथवा सबरीमाला प्रदर्शन को लेकर नहीं थे।