पश्चिम बंगाल | पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अपने संगठन में एक बड़ा परिवर्तन किया है। आधे दर्जन से ज्यादा पार्टी के पदाधिकारियों को उनके पद से हटाया गया है। जिनकी जगह नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून की खिलाफत करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस को भी उनके पद से हटा दिया गया है। वे पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष थे।
कहा यह जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस को उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उपाध्यक्ष पद से हटाया गया है। नेताजी से जुड़ी हुई फाइलों को सार्वजनिक करने में चंद्र कुमार बोस की अहम भूमिका थी। जिसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने आजाद हिंद फौज की 75 वीं वर्षगांठ पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और अंडमान दीप समूह के तीन दीपों का नाम बदला था।
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संगठन में मिली नए लोगों को जिम्मेदारियां
पश्चिम बंगाल में कुल 12 नेताओं को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह, बांकुड़ा से सांसद सुभाष सरकार, देबाशीश मित्र, राजकमल पाठक, रितेश तिवारी प्रमुख हैं। रितेश तिवारी अभी तक प्रदेश सेक्रेटरी के तौर पर कार्य कर रहे थे। रितेश तिवारी को पार्टी ने प्रमोशन कर प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया है। पार्टी ने कुल पांच नेताओं को प्रदेश महामंत्री बनाया है। जिसमें पुरुलिया लोकसभा सीट से सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो, हुगली से सांसद लॉकेट चटर्जी, रथिन बसु, संजय सिंह, सयांतन बसु हैं। दस नेताओं को प्रदेश सचिव (सेक्रेटरी) की जिम्मेदारी मिली है। सांसद सौमित्र खान को युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है और इसी तरह बॉलीवुड अभिनेत्री अग्निमित्रा पॉलको महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है।
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