भाजपा लगातार कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को अपने खेमे में ले चुकी है। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी का भाजपा में जाना इसका प्रमाण है। किसी भी खबर आ रही है कि कांग्रेस के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का चेहरा बताए जाने वाले प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के करीबी नेता जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा का दामन थामते हुए उन्होंने कहा कि असल मायनों में अब केवल भाजपा ही राष्ट्रीय पार्टी होती है बाकी पार्टियां तो केवल व्यक्ति विशेष की रह गई हैं।
जितिन प्रसाद ने कहा कि मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का नाता रहा है इसीलिए कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में जाना मेरे लिए इतना सरल नहीं था। काफी विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया है सवाल यह नहीं है कि मैं किस दल को छोड़ कर आ रहा हूं सवाल यह है कि मैं कि दल में जा रहा हूं। राष्ट्रीय दल के नाम पर यदि भारत में कोई पार्टी है तो वह केवल भारतीय जनता पार्टी।
कांग्रेस को और कमजोर कर गया भाजपा का यह कदम
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है। ऐसे में जितिन प्रसाद का भाजपा में जाना कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि उत्तर प्रदेश में जितिन प्रसाद ब्राह्मण जाति से आते हैं और ब्राह्मणों का उत्तर प्रदेश में 10% वोट है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने जितिन प्रसाद को अपनी ओर करके अपने इस 10% वोट पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है।
कहा जाता है 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भी जितिन प्रसाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले थे और वे शामिल होने के लिए दिल्ली की ओर चल पड़े थे। लेकिन प्रियंका गांधी की फोन कॉल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा था। लेकिन इस बार जितिन ने अपना फोन ही बंद कर दिया था।