दिल्ली दंगों से जुड़े हैं बेंगलुरु हिंसा के तार, इस्लामी संगठन PFI का नाम आया सामने

पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट से बेंगलुरु में हिंसा की ऐसी आग भड़की जिसमें 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस पूरी हिंसा में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का नाम सामने आ रहा है। जो पीएफआई का राजनीतिक संगठन है।

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मोहम्मद पैगंबर साहब को लेकर सोशल मीडिया पर एक ट्वीट किया गया जिसके कारण बेंगलुरु हिंसा की आग में जल उठा। ऐसी हिंसा जिसमें 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। मंगलवार यानी 11 अगस्त की रात को बेंगलुरु में पैगंबर साहब को लेकर एक पोस्ट से नाराज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के आवास के बाहर जमकर बवाल किया और तोड़फोड़ आगजनी भी की। इस पूरी हिंसा के आरोप में 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया और इसमें एक नाम ऐसा भी दिखाई दे रहा है जिसके संगठन के तार दिल्ली दंगों से भी जुड़े हैं।

बेंगलुरु पुलिस के डीजे हल्ली पुलिस थाना क्षेत्र में हिंसा भड़काने के आरोप में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी ASDPI के नेता मुजामिल पाशा को गिरफ्तार किया गया है जिस पर भीड़ इकट्ठा करने और हिंसा को भड़काने का आरोप है। राज्य सरकार ने यह माना है कि यह पूरी हिंसा सुनियोजित थी। सबसे प्रमुख बात यह है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का राजनीतिक संगठन है और उससे भी बड़ी बात यह है कि CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने के दौरान जब दिल्ली में दंगे हुए थे, तब भी इसी संगठन का नाम सामने आया था।

उत्तरी पूर्वी दिल्ली में 23 से 26 फरवरी के बीच हिंसक दंगे हुए जिसमें पूरी दिल्ली जल उठी थी। इस दंगे का प्रमुख आरोपी आम आदमी पार्टी का निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन था। ताहिर हुसैन ने पुलिस को यह बताया कि उसने कई कंपनियां बनाई हुई थी जिनसे उसने गैरकानूनी तरीके से 1 करोड़ 12 लाख रुपए जुटाए थे। जिसमें उसे प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का भी साथ मिला था।

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