खबरों के अनुसार कृषि मंत्री ने अपने बयान में सबसे पहले कहा कि जो लोग भी पिछले 3 महीने से कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। उन्हें अभी सरकार के कृषि बिल कानून के बारे में सही जानकारी मिल ही नहीं पाई है और ना वह जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी की सरकार किसानों का कल्याण करने के लिए प्रतिबंध है। हमारी सरकार सभी किसान भाइयों को सशक्त बनाना चाहती है और इस कानून से ऐसा ही होगा, लेकिन वह विपक्ष की बातों में आकर इसका विरोध कर रहे हैं।
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री ने कानून में संशोधन पर उठे सवाल को लेकर कहा, “हां हमने कृषि बिल कानून में संशोधन का प्रस्ताव किसान नेताओं को दिया था। इसका मतलब यह बिल्कुल मत सोचिए कि हमारे कानून में कोई कमी है। हमने सिर्फ ऐसा इसलिए किया था, क्योंकि हमारे सामने जो आंदोलन कर रहे हैं, वह हमारे किसान भाई हैं।”बता दें किसान और केंद्र सरकार के बीच में वार्ता का संचालन कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ही करते हैं।
हम आपको बता दें अपने बयान में कृषि मंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने किसान नेता के अलावा विपक्ष से भी संसद के कार्रवाई के दौरान कृषि बिल कानून को लेकर सुझाव मांगे थे। साथ ही कमी बताने का भी आग्रह किया था। वही दूसरी ओर राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद भी विपक्ष सिर्फ किसानों की बात कर रहा था, लेकिन कानून में गलती क्या है, उसके पास इसका कोई जवाब नहीं था। हमने सदन में कार्रवाई के दौरान केंद्र के विचार और नजरियों को लेकर पूरी स्पष्टता दिखाई थी, लेकिन विपक्ष की ओर से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।