उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख जिले इस समय लॉकडाउन की चपेट में भी आ सकते हैं। प्रदेश में भय का माहौल है और लगातार जनता यह सवाल कर रही है कि कहीं प्रदेश में दोबारा लॉकडाउन तो नहीं लगाया जाएगा। हालांकि दिल्ली और पंजाब तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों की अपेक्षा प्रदेश में कोरोना संक्रमण धीमी गति से फैल रहा है लेकिन उसके बावजूद भी कई शहरों में लाशों को जलाने के लिए श्मशान घाट में जगह भी नहीं मिल रही है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंत्रियों से सीएम ने कहा कि वे पूरी मजबूती के साथ जनता की सुरक्षा व बचाव के सम्बन्ध में हर सम्भव कार्यवाही करें। वे कोविड संक्रमण से स्वयं को बचाते हुए पूरी मजबूती के साथ जनता की सुरक्षा व बचाव के सम्बन्ध में हर सम्भव कार्यवाही करें। जहां तक सम्भव हो सके, तकनीक का सहारा लेते हुए वर्चुअल माध्यम से विभागीय कार्याें को सम्पादित किया जाए। मंत्रिगण अपने-अपने विभागीय कार्याें व कार्यालयों की समीक्षा भी करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय पंचायत चुनाव को भी सफलतापूर्वक कराने में वे अपनी भूमिका का निर्वहन करें। जिला प्रशासन के साथ संवाद बनाते हुए कोविड नियंत्रण सम्बन्धी कार्यवाही की जाए। धर्म स्थलों पर ज्यादा भीड़ एकत्रित न होने पाए। प्रत्येक जिले की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही की जाए। ‘108’ एम्बुलेन्स सेवा के 50 प्रतिशत वाहनों का उपयोग कोविड कार्याें के लिए किया जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों से बातचीत करते हुए ये भी कहा कि वह अपने अपने प्रभार वाले जिलों व विधानसभा क्षेत्रों में जाएं और कोरोना संक्रमण के खिलाफ बनी कार्ययोजना लागू करवाएं। मंत्री खुद को भी संक्रमण से बचाएं रखें। सभी स्तर पर कोविड प्रोटोकाॅल पालन हो। टीकाकरण केंद्रों की संख्या 6,000 से बढ़ाकर 8,000 तक की जा रही है।