भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को 7 साल पूरे हो चुके हैं। लगातार सरकार के मंत्री और पार्टी से जुड़े हुए लोग जनता तक अपनी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने में लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन के कारण सरकार की छवि को भी नुकसान हुआ है। इसी बीच खबर आ रही है कि सरकार के 25 नौकरशाहों ने मिलकर एक पुस्तक लिखी है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के साथ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है।न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केजे अल्फोंस ने कहा, “इस तरह का काम पहले कभी नहीं किया गया। मोदी सरकार की उपलब्धियों का यह दस्तावेज किए गए सुधारों और शुरू की गई नीतियों की संख्या के बारे में बताता है। जिन्हें मोदी सरकार के कामकाज के बारे में जानने की जिज्ञासा है, उन्हें यह किताब पढ़नी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पुस्तक में अपने प्रस्तावना में पूर्व सिविल सेवकों द्वारा पीएम मोदी द्वारा की गई पहलों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे और अन्य क्षेत्रों में सूचीबद्ध उपलब्धियों पर अपने दृष्टिकोण साझा करने के लिए एक साथ आने के कार्य की सराहना भी की है। उन्होंने लिखा है, “सुरक्षा के मोर्चे पर, सीमा पार आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणाम सामने आए हैं। FATF सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर आतंकी की मदद करने में पाकिस्तान की मिलीभगत को उजागर किया गया है। सैन्य मोर्चे पर भारत द्वारा लगाए गए दबाव की वजह से पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ी है।”
अजीत डोभाल ने अपने प्रस्तावना में लिखा है, “अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमता और संकल्प ने इसकी अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता और संकल्प को बढ़ाया है। एक मजबूत संदेश भेजा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास को विफल कर दिया जाएगा। सामरिक बुनियादी ढांचा सीमाओं के साथ परियोजनाओं को गति दी गई है। सीडीएस की नियुक्ति की गई है। सरकार ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है और सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2020 तैयार की है।”
आपको बता दें कि पूर्व सचिव शिक्षा वृंदा सरूप ने कहा है कि शिक्षा पर लिखते समय उन्होंने नई शिक्षा नीति, परीक्षा प्रणाली से लेकर विश्लेषण-आधारित ज्ञान और शिक्षाविदों में कौशल सेट के एकीकरण जैसे सुधारों पर गहराई से विचार किया।
इस पुस्तक में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, पूर्व रक्षा सचिव मोहन कुमार, पूर्व गृह सचिव एलसी गोयल और शक्ति सिन्हा जैसे नाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पूर्व शिक्षा सचिव वृंदा सरूप, पूर्व कृषि सचिव आशीष बहुगुणा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभा के पूर्व सचिव प्रीति सूदन, पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अनंत नागेश्वरन, प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल, हीरो मोटर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और सीईओ पवन मुंजाल, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक भरत लाल, पूर्व सचिव (वन) सीके मिश्रा, पूर्व श्रम सचिव गौरी कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव जुगल महापात्र, पूर्व सीआईसी सुधीर भार्गव, पूर्व आईएएस एस मछेंद्रनाथन, पूर्व संस्कृति सचिव रविंदर सिंह,और कुछ पूर्व मुख्य सचिव का नाम भी इस पुस्तक में शामिल हैं।