दिल्ली दंगों में हुए नुकसान से हर कोई परिचित है। न जाने कितने बेगुनाह लोगों ने दिल्ली दंगों में अपनी जान गंवाई थी। लेकिन समय बीतने के साथ अब यह पता चल रहा है कि दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड कौन लोग थे? आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन से जब पुलिस ने पूछताछ की तो ताहिर हुसैन ने यह कबूल किया कि मैं हिंदूओं को सबक सिखाना चाहता था और उन्हें सबक सिखाने के लिए 3 सालों से मौका ढूंढ रहा था।
अमर उजाला में छपी रिपोर्ट के अनुसार इस दंगे में ताहिर हुसैन को खालिद सैफी और पी एफ आई का पूरा साथ मिला। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में ताहिर हुसैन ने यह कबूल किया कि खालिद सैफी ने उससे कहा था, “तुम्हारे पास राजनीतिक पावर भी है, पैसा भी है। इन दोनों का इस्तेमाल करो और हिंदू धर्म के खिलाफ और अपनी कौम को मजबूत करने के लिए काम करो।”
पुलिस की पूछताछ में ताहिर ने यह भी कुबूल किया कि कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद खालिद सैफी उसके पास आया था और उसने कहा था कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे। इस बीच राम मंदिर पर फैसला भी आ गया और सिटीजनशिप अमेंडमेंट कानून भी आ गया, तब खालिद सैफी ने ताहिर से कहा था कि अब तो कुछ करना ही पड़ेगा, अब तो कोई कदम उठाना ही होगा।
दंगे भड़काने में खालिद सैफी का बहुत बड़ा योगदान
अपने कुबूलनामे में ताहिर ने पुलिस को बताया, “योजना के तहत उसे बोतल, पेट्रोल, तेजाब और पत्थर एकत्रित करके अपनी छत पर रखने की जिम्मेदारी मिली थी। जबकि खालिद सैफी ने अपने जानकारों की मदद से लोगों को सड़कों पर इकट्ठा करके प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया था और उसी ने अपने मित्र इशरत जहां से मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू कराया था। फिर क्या था! जगह-जगह पर धरने प्रदर्शन शुरू हुए।
4 फरवरी को अबुल फजल एनक्लेव ने मेरी खालिद से भी दंगों की योजना को लेकर मुलाकात कराई। इस बीच उमर खालिद ने कहा कि पैसों की चिंता ना करें उसके लिए पीएफआई जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी, कई राजनीतिक लोग, वकील और अन्य मुस्लिम संगठन हमारी मदद कर रहे हैं।”