विकास के शरीर से 3 गोलियाँ हुई थी आर-पार, कितनी दूरी से हुई फायरिंग, इसका नहीं हुआ खुलासा

एसटीएफ ने एनकाउंटर में दावा किया था कि विकास ने उन पर गोली चलाई तब उन्होंने जवाबी कार्रवाई की। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ब्लैकनिंग का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। ऐसा में ये साफ नहीं हो सका है कि विकास दुबे पर गोली कितनी दूरी से चलाई गई थी?

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कानपुर | कानपुर के कुख्यात और मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात साफ हुई है कि विकास के शरीर से तीन गोलियां आरपार हुई थीं और उसके शरीर में 10 जख्म थे। पहली गोली दाहिने कंधे और अन्य दो गोलियां बाएं तरफ के सीने में लगी थीं। दाहिने हिस्से में सिर, कोहनी, पसली और पेट में चोट भी लगी हुई थी। विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, शरीर में कुल दस जख्म मिले हैं। छह जख्म (एंट्री-एग्जिट) गोलियों के हैं, जबकि अन्य चार जख्म शरीर के दाहिने हिस्से में थे। ये जख्म गोलियां लगने के बाद गिरने के कारण हुए हैं।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक छह इंजरी गोलियों की वज़ह से हुई हैं। तीन गोलियां आरपार (एंट्री-एग्जिट) हुई हैं। एक गोली दाहिने कंधे व अन्य गोलियां बाएं सीने पर लगी थीं। उसके सिर पर हल्का सा जख्म व सूजन भी था और कोहनी भी फट गई थी। इसके साथ ही पेट और पसली में भी थोड़ा गहरा जख्म व सूजन देखने को मिला है। एसटीएफ ने एनकाउंटर में दावा किया था कि विकास ने उन पर गोली चलाई तब उन्होंने जवाबी कार्रवाई की। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ब्लैकनिंग का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। ऐसा में ये साफ नहीं हो सका है कि विकास दुबे पर गोली कितनी दूरी से चलाई गई थी!

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आपको बता दे कि कानपुर में स्थित बिकरू गांव में बीते 2-3 जुलाई की रात को गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई कानपुर पुलिस की टीम पर विकास और उसके गैंग ने हमला कर दिया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया और फिर करीब एक हफ्ते बाद उसे उज्जैन से पकड़ा गया। इसके बाद उज्जैन से वापस कानपुर लाते वक्त भागने की कोशिश करने पर यूपी एसटीएफ ने विकास का एनकाउंटर कर दिया था।

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