उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसके लिए सभी पार्टियां पूरी तरह से तैयारी कर रही हैं। इस विधानसभा चुनाव में कई नई पार्टियों का उदय और अस्त भी हो सकता है। यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए भी अग्नि परीक्षा साबित होगा क्योंकि यदि उत्तर प्रदेश का चुनाव भाजपा ने दोबारा जीत लिया तो निश्चित रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों का रास्ता भारतीय जनता पार्टी के लिए सरल हो जाएगा। यूपी की इसी चुनाव की सरगर्मियां के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधा रहे हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह यादव के लिए ‘अब्बाजान’ शब्द का इस्तेमाल कर तंज कसा, तो इसपर बवाल हो गया। समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पर सवाल खड़े किए। दूसरी तरफ सभी विपक्षी पार्टियां योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने लगी-
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने विरोध जताते हुए कहा कि यह एक घटिया बयान है। ये उस व्यक्ति का बयान है, जिसकी संकीर्ण सोच है और बीजेपी आलाकमान भी उससे परेशान है। मनोज झा ने कहा कि इस प्रकार के बयान बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ के पास लोगों को ऑफर करने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी खुद योगी को हटाना चाहती है, लेकिन वह अपनी वैकल्पिक राजनीति चला रहे हैं।
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि यह किसी धर्म से नहीं जुड़ा है, बल्कि इसके अलग-अलग मतलब होते हैं। अब्बाजान का पर्यायवाची पिता-फादर होता है, तो क्या नाम से ही धर्म हो जाएगा। राकेश सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने जो गरीबों तक पहुंचने के लिए एक रास्ता ढूंढा है, उनकी नीतियां पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की बौखलाहट का कारण है, विपक्ष सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहता है। विपक्षी पार्टियां उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सांप्रदायिक दंगा कराना चाहती हैं।