बिहार के दरभंगा जिले के बड़ा बाजार में लोगों ने एक ऐसा समूह तैयार किया है शहर को सैनिटाइज करने का काम कर रहा है। यूं तो इस समूह में बहुत सारे लोग शामिल हैं लेकिन एक ऐसे भी व्यक्ति इस समूह में काम कर रहे हैं जिन की कहानी लोगों के लिए प्रेरणादायक है। यह कहानी है लाल बाबू शाह नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति की। लाल बाबू का एक हाथ नहीं है उसके बावजूद भी बड़ी मेहनत से शहर को सैनिटाइज करने का काम कर रहे हैं। पूछने पर वे कहते हैं कि सरकार अपाहिज हो गई है ना खुद सैनिटाइज कराती है और ना ही किसी को भेजती है।ऐसे में उन्होंने मोहल्ले के लोगों के साथ मिलकर यह कदम उठाया है।
जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि आपका एक हाथ नहीं है तो आपको काम करने में कोई परेशानी तो नहीं होती? तो वे कहते हैं, “नहीं मुझे कोई परेशानी नहीं होती,साथ में और भी लोग हैं।साथ में मिलजुल कर मौज मस्ती करते हुए काम हो जाता है।मैं अपने कटे हुए हाथ को नहीं देखता यह देखता हूं कि मेरे साथ कितने हाथ हैं?यह देखकर मेरा मनोबल बढ़ जाता है।”
बाबूलाल जिस टीम में काम करते हैं ऐसी कई और टीम भी शहर में बनाई गई हैं। यह सभी लोग 5:00 बजे अपने घरों से निकलते हैं और ब्लीचिंग पाउडर तथा अन्य वस्तुओं के द्वारा शहर को सैनिटाइज करने का काम करते हैं। जब एक व्यक्ति थक जाता है तो दूसरा व्यक्ति इस काम को थाम लेता है। वास्तव में लोगों का यही एकता भाव देश के मनोबल के लिए बहुत आवश्यक है।