कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को रोकने के लिए अब प्रदेश सरकार पूरी ताकत लगा चुकी है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संक्रमण की गति को कम करने के लिए एक नई व्यवस्था बनाई है जिसके तहत एक कार्यालय में एक समय में 33 प्रतिशत स्टाफ ही काम करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद कार्मिक विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए शासन ने राज्य सरकार के कार्यालयों में 50 प्रतिशत कार्मिकों को दफ्तर आकर और 50 प्रतिशत कार्मिकों को घर से काम करने के बारे में बीते 21 अप्रैल को शासनादेश जारी किया था। अब यह व्यवस्था की गई है कि स्वीकृत जनशक्ति के सापेक्ष 50 प्रतिशत कार्मिक दफ्तर में उपस्थित रहेंगे लेकिन एक समय में उनकी उपस्थिति स्वीकृत जनशक्ति की 33 प्रतिशत तक होगी। बाकी 50 प्रतिशत कार्मिक घर से ही काम करेंगे।
सीएम ने पहले निर्देश दिया था कि सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों में बीमार, दिव्यांग कर्मचारी और गर्भवती महिला कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दी जाए। इन्हें कार्यालय आने की कोई अनिवार्यता नहीं है। अब अस्वस्थ कर्मचारियों को भी ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा दी गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बरेली-मुरादाबाद पहुंचकर कोरोना के जमीनी हालात देखे। मुरादाबाद के एक गांव में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का हालचाल जाना। शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने बरेली के इंटिग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का निरीक्षण किया। इस जोन में पिछले एक हफ्ते के दौरान 2500 से ज्यादा ऐक्टिव केसों में कमी आई है।’ सीएम योगी ने दावा किया कि कोरोना के खिलाफ हमारा प्रबंधन और रणनीति कामयाब रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘अनुमान लगाए जा रहे थे कि यूपी में 5 मई के बाद प्रतिदिन 1 लाख के ऊपर केस आएंगे। मगर 8 मई को ही राज्य में कोरोना के 26 हजार केस आए हैं। इसका मतलब है कि कोरोना के खिलाफ हमारी स्ट्रैटिजी और प्रबंधन कामयाब हो रहा है। 30 अप्रैल के बाद से कोरोना केसों में लगातार गिरावट आ रही है और अब हमने गांवों में भी स्पेशल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग शुरू कर दी है।’