[8:39 am, 05/05/2021] Abhishek: लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई होने के बाद भी अभी ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत हो रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौतों की जांच करने के निर्देश मेरठ और लखनऊ के जिलाधिकारियों को दे दिए हैं। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए यह भी कहा है कि इससे मरीजों की जान जा रही है तथा यह किसी नरसंहार से कम नहीं है।
अदालत ने कहा, ”हमें यह देखकर दुख हो रहा है कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं होने से कोविड मरीजों की जान जा रही है। यह एक आपराधिक कृत्य है और यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं है जिन्हें तरल मेडिकल ऑक्सीजन की सतत खरीद एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।” इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ कर रही थी।
पीठ ने कहा, ”जबकि विज्ञान इतनी उन्नति कर गया है कि इन दिनों ह्रदय प्रतिरोपण और मस्तिष्क की सर्जरी की जा रही है, ऐसे में हम अपने लोगों को इस तरह से कैसे मरने दे सकते हैं। आमतौर पर हम सोशल मीडिया पर वायरस हुई ऐसी खबरों को जांचने के लिए राज्य और जिला प्रशासन नहीं कहते, लेकिन इस जनहित याचिका में पेश अधिवक्ता इस तरह की खबरों का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए हमारे लिए सरकार को तत्काल इस संबंध में कदम उठाने के लिए कहना आवश्यक है।”
Death of Covid patients just for non supplying of oxygen to the hospitals is a criminal act and not less than a genocide by those who have been entrusted the task to ensure continuous procurement and supply chain of the liquid medical oxygen: Allahabad High Court
— ANI (@ANI) May 4, 2021