उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार उत्तर प्रदेश की जनता को बेहतर इलाज देने का प्रयास कर रहे हैं। अन्य प्रदेशों की अपेक्षा संक्रमण का कहर तो उत्तर प्रदेश पर कम नहीं है परंतु उत्तर प्रदेश का प्रशासन लगातार इस संक्रमण से लड़ने के लिए जनता की मदद कर रहा है।लखनऊ,गोरखपुर,वाराणसी, कानपुर नगर तथा प्रयागराज जैसे शहरों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है इसके अलावा अन्य छोटे नगरों और तहसीलों में संक्रमण उतना ज्यादा प्रभावी दिखाई नहीं दे रहा है। योगी आदित्यनाथ ने अपने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं कि संकट के समय में जनता का मनोबल गिराने वाला कोई भी काम में अधिकारी न करें अन्यथा उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। उत्तर प्रदेश के सीएम का आशय ऑक्सीजन तथा प्रमुख दवाइयों की कालाबाजारी से था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि एंबुलेंस सेवा का संचालन बेहतर किया गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि एम्बुलेंस सेवाएं सुचारु ढंग से काम करें। वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोविड उपचार से जुड़े संस्थान, स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाकर काम करें। ऑक्सीजन या किसी जीवनरक्षक दवा के नाम पर जनता का मनोबल गिराने वाला काम नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता की अद्यतन जानकारी के साथ-साथ बेड आवंटन पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाए। इसके साथ आक्सीजन और रेमडेसिविर सहित जीवनरक्षक दवाओं की सुचारू आपूर्ति पर जोर देते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी और सरकारी यानी सभी कोविड अस्पतालों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी की भी तैनाती करें।
मुख्यमंत्री के द्वारा उत्तर प्रदेश के पांच प्रमुख शहर गोरखपुर, प्रयागराज,कानपुर नगर,लखनऊ और वाराणसी के अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए हैं।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।