देश में तेजी के साथ बढ़ रहे मामलों ने शिक्षा व्यवस्था पर ग्रहण लगा दिया है। पहले सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं कक्षाओं की परीक्षाओं को रद्द किया था और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। ठीक यही निर्णय अब आईसीएसई बोर्ड ने ले लिया है बताया जा रहा है बोर्ड के अनुसार अब दसवीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गयी हैं और 12वीं की परीक्षाओं को वर्तमान में स्थगित कर दिया गया है।
सीबीएससी बोर्ड ने विषय और प्रैक्टिकल पेपर की संख्या के आधार पर हर एक छात्र से 1500 रुपये से लेकर 1800 रुपये तक की फीस ली थी। मालूम हो कि इस साल 10वीं की परीक्षा देने के लिए करीब 21.5 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। केंद्र सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद आर्थिक रूप से कमजोर लोगों ने यह मांग की है कि उनके द्वारा जमा की गई फीस को वापस कराया जाए क्योंकि जब परीक्षण नहीं हो रही है तो फिर परीक्षा का शुल्क क्यों लिया जा रहा है? दिल्ली यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर और ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक अग्रवाल का कहना है कि जब बोर्ड ने एग्जाम सेंटर पर खर्च नहीं, इन्विजिलेटर्स और एग्जामिनर्स को पैसे नहीं दिए तो उन्हें आवश्यक रूप से एग्जाम फीस को वापिस करना चाहिए।