एनएमसीएच में ऑक्सीजन की भारी कमी हो चुकी है। इस कमी के कारण अस्पताल में मरीजों की जिंदगी को बचाना मुश्किल हो रहा है। मरीजों के परिवार वाले जमकर हंगामा कर रहे हैं। इस समस्या को बढ़ते दे अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने विभागीय प्रधान सचिव को पत्र भेज कर खुद को अधीक्षक पद से मुक्त करने की बात कही है। अधिकारियों के हस्तक्षेप से नाराज अधीक्षक का कहना है कि इस अस्पताल में से ऑक्सीजन का स्टॉक दूसरी जगह भेजा जा रहा है। जिस कारण अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो गई है इससे कभी भी कोई भी बड़ी घटना घट सकती है। ऐसे में सारी जवाबदेही उनके ऊपर आ जाएगी। अस्पताल में 2 दिनों से ऑक्सीजन की कमी हो रही है और मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है।
बताया जा रहा है मरीजों की संख्या के अनुसार अस्पताल में 400 से 450 ऑक्सीजन के सिलेंडर की आवश्यकता है। जबकि इसकी आपूर्ति एक चौथाई भी ठीक से नहीं हो रही है। जब अस्पताल में ऑक्सीजन की ही कमी हो जाएगी तो डॉक्टर कैसे मरीजों का इलाज कर सकेंगे? यह सोचने का विषय है। मरीज के अनुपात में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होने की स्थिति में सप्लाई चेन प्रभावित होने का खतरा बना है। पटना में संचालित प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने आसपास के कई जिलों के डीएम से बात की तथा अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर को पटना में सप्लाई करने को कहा है। आयुक्त के निर्देश के बाद नालंदा से 100 सिलेंडर शनिवार को पटना के लिए सप्लाई की गई।
आयुक्त ने नालंदा, वैशाली और मुजफ्फरपुर के डीएम से कहा कि यदि उनके जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर अधिशेष है तो पटना को सप्लाई कर सकते हैं। आयुक्त ने पटना प्रमंडल के अन्य जिले जैसे रोहतास, कैमूर, बक्सर और भोजपुर के डीएम को भी निर्देश दिया है कि यदि उनके यहां अधिशेष ऑक्सीजन सिलेंडर है तो एजेंसियों को निर्देश देकर पटना के लिए सप्लाई करें।