देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रत्येक प्रदेश में टीकाकरण अभियान को तेज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। संक्रमण को हराने के लिए उत्तर प्रदेश में चार दिवसीय टीका उत्सव अभियान प्रारंभ हो चुका है। यह उत्सव 14 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों से निवेदन किया है कि जो लोग इस टीके के लिए पात्र हैं वे अवश्य टीकाकरण कराएं। उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में लगभग 6000 सेंटरों पर टीकाकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज खुद कई सेंटर्स पर जाकर इस अभियान का जायजा लिया।
लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न केंद्र में जाकर टीकाकरण अभियान का निरीक्षण भी किया है। लखनऊ के शक्ति भवन केंद्र में उन्होंने टीका उत्सव का काफी देर तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। प्रदेश में विभिन्न आयु वर्ग के अब तक 85 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है। इस चार दिनी अभियान में भी बड़ी संख्या में लोगों का टीकाकरण होगा। टीका उत्सव के अवसर पर आज प्रदेश में छह हजार केंद्र पर कोविड टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती तथा संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जयंती के दौरान अधिक से अधिक लोग टीकाकरण कराएं।
30 अप्रैल तक बंद रहेंगे प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान
प्रदेश में बढ़ते संक्रमण के कारण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान करते हुए यह कहा है कि 30 अप्रैल तक प्रदेश में सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना पर प्रभावी रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को आत्मसात कर कार्य किया जाना चाहिए। प्रदेश में प्रतिदिन न्यूनतम एक लाख RTPCR टेस्ट किए जाएं तथा सभी सरकारी तथा निजी टेस्टिंग लैब पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। टेस्टिंग में देरी न की जाए ताकि कोरोना पर प्रभावी रूप से लगाम लगाई जा सके।
उत्तर प्रदेश के सीएम ने बढ़ते संक्रमण को लेकर रविवार को एक बैठक की थी। इस दौरान सीएम योगी ने आदेश दिया कि प्रदेश में कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में 30 अप्रैल तक पठन-पाठन स्थगित रखा जाए। कोचिंग सेंटर भी बंद रहें। सरकार के इस आदेश के बाद विद्यार्थियों के जीवन में कठिनाइयां तो आ सकती हैं। विद्यालय अबकी बार ऑनलाइन क्लासेज भी शुरू कर सकते हैं, प्रैक्टिकल के लिए भीछात्र और छात्राओं को विद्यालय बुलाना असंभव हो जाएगा।