देशभर के कई हिस्सों में किसानों के आंदोलन को बहुत तेजी के साथ चलाया जा रहा है। किसानों की नेता राकेश टिकैत लगातार राजस्थान और पश्चिम बंगाल में जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार प्रसार कर रहे हैं। 26 जनवरी 2021 को हुई घटना से पहले सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत हुई थी लेकिन इस घटना के बाद सरकार और किसान अभी तक एक साथ चर्चा करते नहीं बैठे हैं। दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। किसान आंदोलन से आम जनता दूर होती जा रही है। इस पूरे आंदोलन के बीच एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है। तोमर ने बयान देते हुए कहा है, ” मैंने कई बार संगठन के नेताओं से कोविड-19 के मद्देनजर बच्चों और बड़ों को घर भेजने के लिए कहा था। अब कोविड की दूसरी लहर भी शुरू हो चुकी है। किसानों और उनके संगठनों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। विरोध को स्थगित कर के हमारे साथ विचार विमर्श करना चाहिए। ”
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कई किसान संगठन और कई अर्थशास्त्री ऐसे हैं जो इन कृषि संशोधन बिलों का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन कुछ किसान अभी तक इसका विरोध कर रहे हैं। आपने अब तक विरोध करने वाले 11 संगठनों से बात की है और वे चर्चा करने के लिए तैयार भी हैं। सरकार के द्वारा समस्या गिरफ्त क्षेत्रों में बदलाव करने की बात कही गई थी लेकिन किसानों के नेताओं ने इस बात को ठुकरा दिया था। इस प्रस्ताव को स्वीकार न करने का कोई कारण भी नहीं किसान नेताओं ने नहीं बताया। कृषि मंत्री का कहना है कि आंदोलन तक जारी रखना चाहिए जब सरकार बातचीत ना करना चाहती हो, यहां पर ऐसा नहीं है। यहां पर सरकार के द्वारा बातचीत करने पर भी किसान नेता किसान आंदोलन को जारी रखना चाहते हैं।